सतना: में 18 सितंबर को मुख्यमंत्री के पिछड़ा वर्ग महाकुंभ को लेकर राजनीति सुरू है,, इस महाकुंभ में प्रशासन ने एक लाख लोगों के आने के ब्यवस्था की है,, मगर भाजपा की जातिगत राजनीति और एट्रोसिटी एक्ट को लेकर बस एसोशिएशन ने अपनी बसे कार्यक्रम में न देने का निर्णय कर प्रशासन और सरकार की चिंता बढ़ा दी है,, यह सुन कर भीड़ जुटाने का टारगेट कैसे पूरा होगा यह सोच कर प्रसासन के दांत खट्टे पड़ गए है।
क्या है पूरा मामला:-
18 सितंबर को सतना जिला प्रशासन पिछड़ावर्ग महाकुम्भ का आयोजन कर रहा,, जिसमें विन्ध्य क्षेत्र से लोगो को आना है,, सतना जिला परिवहन कार्यालय ने सतना बस एसोसिएशन से 400 बसों की मांग की ताकि गांवों से लोगो को कार्यक्रम स्थल तक लाया जा सके,, सतना बस एसोशिएशन ने प्रशासन के मांग पत्र को ठुकरा दिया और एक भी बस इस कार्यक्रम में न भेजने का सामूहिक निर्णय लिया है,, बस एशोसिएशन का आरोप है,, कि सरकार जाती बाद को बढ़ा रही सिर्फ एक बर्ग विशेष का कार्यक्रम है,, इस लिए वो बसे नही देगे,, मुख्यमत्री के कार्यक्रम को लेकर तैयारी जोरों पर चल रही,, मुख्यमत्री शासकीय कार्यक्रम भी तय हो चुका,, भाजपा पार्टी का दावा है कि इस कार्यक्रम में एक लाख लोग आसकते है,, जिसमे पिछड़ा बर्ग समाज के लोग होंगे और उन्हें मुख्यमत्री योजनाओं का लाभ भी देगे,, ऐसे में बस एसोसिएशन का यह विरोध कार्यक्रम को असफल कर सकता है !
कैसे होगा कार्यक्रम:-
बहरहाल कार्यक्रम निश्चित हो चुका,, तैयारी भी जोर सोर से हो रही मगर सबाल ये की जब बाहन ब्यवस्था ही नही होगी तो भीड़ कहा से लाई जाएगी,, इतना ही नही एंट्रो सिटी एक्ट को लेकर भी विबाद छिड़ा है,, सर्ब समाज का एलान है कि मुख्यमंत्री का जबरजस्त विरोध करेंगे ऐसे में कार्यक्रम को शांतिपूर्ण सफल होगा इसके लिए संसय बरकरार है,, हालांकि इसके पहले यह कार्यक्रम दस सितंबर को होना था,, मगर एक्ट के बिरोध और तनाव के चलते कार्यक्रम निरस्त हो गया था और अब 18 सितंबर को होगा !