500 और 1000 के नोट बंद किए जाने के बाद सरकार ने लोगों को बड़ी राहत दी है. सरकार ने पुराने नोटों की वैधता 10 दिन और बढ़ा दी है. अब अस्पतालों, मेट्रो स्टेशनों, शमशान घाट, दवा की दुकानों, पेट्रोल पंपों में 24 नवंबर तक 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट स्वीकार किए जाएंगे।
समीक्षा बैठक में लिया गया फैसला
एएनआई की खबर के मुताबिक, रविवार को पीएम मोदी ने नोटबंदी के बाद आर्थिक मामलों पर समीक्षा बैठक बुलाई थी. इसके बाद ये फैसला लिया गया. समीक्षा बैठक के बाद आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने कहा कि सभी अस्पतालों, पेट्रोल पंपों, रेलवे स्टेशनों और हवाई अड्डों पर 500 और 1000 के पुराने नोट चलने की समय सीमा 14 नवंबर से बढ़ाकर 24 नंवबर तक कर दी गई है।
24 नवंबर तक सभी नेशनल टोल फ्री
शक्तिकांत दास ने बताया कि देश के सभी टोल पर 24 नवंबर तक कोई टैक्स भी नहीं लिया जाएगा. बिजली और पानी के बिल जैसे केंद्र सरकार, राज्य सरकार द्वारा लिए जाने वाले सभी बिलों का भुगतान 24 नवंबर तक 500 और 1000 के पुराने नोटों से किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि लोगों को परेशान होने की जरूरत नहीं है. आरबीआई के पास पर्याप्त कैश है।
अब एटीएम से रोजाना निकलेंगे 2500 रुपये
500 और 1000 के नोट बंद किए जाने के बाद नकदी की समस्या से जूझ रहे लोगों को राहत देते हुए सरकार ने रविवार को एटीएम से धनराशि निकासी की सीमा बढ़ाने का फैसला किया. वित्त मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि अब एटीएम से हररोज निकासी की सीमा 2,000 रुपये से बढ़ाकर 2,500 रुपये कर दिया गया है।
बैंक में पुराने नोट बदलने की सीमा भी बढ़ी
वहीं, बैंक काउंटर से पुराने नोटों से नए नोटों को बदलने की सीमा 4,000 रुपये से बढ़ाकर 4,500 रुपये कर दी गई है. वित्त मंत्रालय ने कहा, ‘बैंकों को एटीएम से रोजाना निकासी की सीमा बढ़ाकर 2,500 रुपये करने का निर्देश दिया गया है. जबकि बैंक काउंटर से प्रति हफ्ते अधिकतम निकासी की सीमा 20,000 रुपये से बढ़ाकर 24,000 रुपये कर दी गई है. बैंक से प्रतिदिन 10,000 रुपये निकासी की सीमा को हटा दिया गया है।
सीनियर सिटीजन और विकलांगों के लिए होगी अलग लाइन
साथ ही बैंकों को वरिष्ठ नागरिकों और विकलांगों के लिए अलग कतारों की व्यवस्था करने के लिए कहा गया है. नोटबंदी की घोषणा के बाद बैंकों के खुलने के चौथे दिन रविवार को भी देशभर में लाखों लोग अमान्य हो चुके नोट बदलवाने, पैसे जमा करवाने और नकद निकासी के लिए बैंकों और एटीएम बूथों पर टूट पड़े।