जांजगीर चांपा। जांजगीर चांपा जिले के सक्ती विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के विधायक रहे खिलावन साहू के टिकिट कटने के बाद वे अपने ही प्रत्याशीयों के विरोध में चले गये। सक्ती विधान सभा केा छोड जांजगीर चांपा विधानसभा मे प्रचार प्रसार करते दिखे। इस बात से लोगो मे चर्चा रही कि खिलावन साहू के टिकिट कटने के बाद अपने पार्टी के प्रत्याशी मेघाराम साहू के विरोधी हो गये। कहा जा सकता है कि अपने ही पार्टी मे रह कर विभीषण का काम किया। जिससे मेघाराम साहू अलग -थलक दिखें ,जिसका नतीजा सक्ती विधानसभा मे भाजपा की हार हुई। सक्ती विधानसभा से टिकिट नही मिलने पर पार्टी के विरिष्ठ नेताओं से नाराज चल रहे थे। वे न तो किसी स्टार प्रचारको के साथ प्रचार करते दिखे। और ही मेघाराम साहु के साथ नजर आये। सक्ती विधान सभा मे भाजपा की करारी हार के बाद पार्टी के नेता अब हार के कारणो की समीक्षा मे लगे हुऐ है। दूसरी ओर मेघाराम साहू के चुनाव प्रबंधन में भी कमजोरी दिखी। जिसके कारण कार्यकर्ता ओ ंनाराजगी रही। छ.ग. शासन मे पूर्व मंत्री रहे मेघाराम साहू को अपने समाज का भी वोट नही मिल पाया क्षेत्र मे देखा जाय तो साहू वोटरो की संख्या अधिक है, पर वे भी मेघाराम का साथ नही दिये। इस विधानसभा चुनाव मे मेधाराम साहू पूरी तरह राजनीति के शिकार हो गये। अंदरखाने में पूरे चुनाव के दौरान यह भी चर्चा रही की वरिष्ठ नेताओ की सेटिंग रही कि कांग्रेस के प्रत्याशी वरिष्ठ कांग्रेस नेता चरण दास मंहत के लिए जानबुझ कर डमी प्रत्याशी को खड़ा किया गया था।