अम्बिकापुर जिले के बतौली ब्लॉक में स्थित कुनकुरी गांव के नेत्र हींन विधालय से कल रात तकरीबन दो बजे, दो नाबालिक बच्चियां भाग गई । जिसमे एक 11 वर्ष की और दूसरी 10 वर्ष की है , गनीमत ये थी कि उतनी रात मे कुछ ग्रामीणो की नजर बच्चियो पर पडी और तकरीबन 5 किलोमीटर की दूरी तय कर चुकी बच्चियां किसी बडे संकट से बचा ली गई। जिसके बाद ग्रामीणों ने उन्हें हाँस्पिटल पहुंचा कर पुलिस को सूचना दे दी।
जिले के बतौली के पास स्थित कुनकुरी नेत्रहीन आवासीय विधालय पहले से अपनी अव्यवस्थाओ के लिए चर्चा का केन्द्र रहा है , ऐसे मे एक बार फिर यंहा से दो मासूम नेत्रहीन बच्चियो को आधी रात संस्था से निकल कर गायब हो जाना कई सवालो को जन्म देता है, घटना की बात करे तो 10-11 साल की दो बच्चियो जिसमे से एक बफौली निवासी है और दूसरी कंडराजा निवासी है, कल रात 2 बजे आवासीय विद्यालय की व्यवस्था मे सेंध करते हुए संस्था से बाहर निकल गई , गनीमत ये थी कि ये बच्चियां जैसे ही पांच किलोमीटर दूर एन एच 43 में स्थित ग्राम पंचायत सेदम निवासी दो लोगो ने इन्हे देख लिया,, जिसके बाद उन दो ग्रामीणो ने बच्चियों को बतौली के सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र ले गए। जहां कुछ समय तक रहने के बाद ग्रामीणो की सूचना पर आज सुबह थाना बतौली टी आई अविनाश सिंह , समाज कल्याण विभाग के अधिकारी और महिला बाल विकास के अधिकारियो ने बच्चियो के परिजन को थाने बुलाकर उन्हे उनके सुपुर्द कर दिया ।
उठते सवाल
अपनी अव्यवस्था और बच्चो की ठीक से देखभाल ना करने के लिए पहले से चर्चित इस नेत्रहीन विद्यालय से दोनो नेत्रहीन बच्चियां कैसे गायब हो गई , इस बात को लेकर तरह तरह की चर्चाए है, लेकिन सबसे बडा सवाल है कि जिस नेत्रहीन विद्यालय को शासन से आर्थिक मदद मिल रही हो , जिस नेत्रहीन विद्याल मे आंखो से ना देख पाने वाले मासूम बच्चो को रखा जाता है, वहां की सुरक्षा मे आखिर नेत्रहीन बच्चो ने सेंध कैसे की ?, इन बच्चियो को क्या परेशानी थी कि वो आधी रात को संस्था छोडकर भाग जाने वाला फैसला ले सकी ? और सबसे बडा सवाल ये है कि आखिर संस्था के वो लोग कहां थे जिन पर इनकी हिफाजत का जिम्मा है ?