राजपुर(पूरन देवांगन) ग्राम घोरघड़ी पंचायत के परसापानी में शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा हटाने को लेकर ग्रामीणों द्वारा की गई शिकायत के बाद पांच सदस्यीय टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच की।मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने काफी मशक्कत के बाद भूमि का अवलोकन पश्चात पंचनामा तैयार किया।
मामला है ग्राम पंचायत घोरघड़ी के परसापानी का जहाँ लम्बे समय से ग्रामीणों द्वारा गांव के परसुराम भगत के खिलाफ शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा को लेकर लामबंद है।गांव के सरपंच उपसरपंच सहित दर्जनों ग्रामीणों ने अवैध कब्जा हटाने को लेकर सामूहिक रूप से राजपुर थाना से लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री,गृहमंत्री एवं प्रधानमंत्री तक को पत्राचार किया जिसके बाद सोमवार को प्रशासन की टीम परसापानी पहुंचकर जांच की।ग्रामीणों की शिकायत है कि उक्त शासकीय भूमि बड़े झाड़ के जंगल के रूप में दर्ज है जिसमे गांव के परसुराम भगत द्वारा लगभग 20 एकड़ भूमि पर अवैध रूप के कब्जा किया हुआ है।ग्रामीणों का कहना है कि उक्त भूमि को वह अपने अलग अलग रिश्तेदारों के नाम से पट्टा बनवा लिया है जिसे निरस्त किया जाए।ग्रामीणों के शिकायत के बाद सोमवार को राजस्व अमला मौके पर पहुंचकर जांच की।राजस्व की टीम ने उक्त जमीन की दस्तावेजो कि भी जांच की।जाँच में अधिकारियों को वन अधिकार में मिली पट्टे की भूमि पाये जाने पर मौके पर ही पंचनामा तैयार किया गया।इस दौरान जांच दल के नायब तहसीलदार संजय मिंज,राजस्व निरीक्षक अनिता बड़ा,पटवारी आनंद पाण्डे, मनोज गुप्ता नासिमुलहक सहित गांव के सैकड़ों की संख्या में महिला व पुरूष उपस्थित थे।
ग्रामीण दिखे आक्रोशित
जांच करने पहुंची राजस्व की टीम को ग्रामीणों के नाराजगी का शिकार होना पड़ा।सैकड़ो की सँख्या में उपस्थित ग्रामीणों ने अवैध कब्जे को हटाने को लेकर काफी हो हल्ला किया।उन्होंने पंचायत द्वारा निर्मित सामुदायिक भवन को भी खाली कराने की बात कही।जिसके बाद राजस्व के अधिकारियों के ग्रामीणों को समझाइस के बाद मामला शांत हुआ।