बलरामपुर: (कृष्णमोहन कुमार )सरकार ने पहले कभी गरीबो को उन्नत चूल्हा वितरित किया था..तो अब घरेलू गैस चूल्हा दे रही है..लेकिन जो नजारा सामने दिख रहा है..उससे तो यही लगता है की आगे पाठ पीछे सपाट का क्रम चल रहा है..
दरसल बलरामपुर जनपद पंचायत के गोदाम में पड़े उन्नत चूल्हे यह बताते है की उन्हें खरीदा तो गया था..गरीबो को बांटने के लिए पर अब यह गोदाम की शोभा बढ़ा रहे है..नित नए आधुनिक अविष्कारों के बीच आधुनिक युग मे इन उन्नत चूल्हों का उपयोग अब केवल ना के बराबर ही रह गया है..अब ऐसे में इसे सरकारी पैसों की बर्बादी ही कही जा सकती है..
जानकार सूत्र बताते है की वर्ष 1990 -91 में सरकार ने गरीबो को धुंआ रहित उन्नत चूल्हा बॉटने की स्कीम बनाई थी..और उन्नत चूल्हे बांटे भी गए..पर जरूरत से अधिक की खरीदी का प्रमाण आप के सामने है..की किस तरह से धुआं रहित चूल्हे सरकारी गोदाम में आकर्षण का केंद्र बने हुए है…
वही जनपद पंचायत के सीईओ प्रमोद सिंह का कहना है की उन्नत चूल्हे उनके कार्यकाल के नही..और यह कहना भी लाज़मी है की उन्नत चूल्हे उनके कार्यकाल में बंटे भी नही..पर अहम सवाल तो यह है की इन धुंआ रहित चूल्हों का जनपद क्या करेगी?..और कुछ करना ही था तो पहले क्यो नही किया गया?..इन सब का जवाब भी सीईओ साहब के पास है..वे अपनी देख रेख में जरूरत मन्दो के बीच धुंआ रहित उन्नत इन चूल्हों को बंटवा देंगे…अब सवाल फिर वही के वही जब देश का प्रधानमंत्री गरीबो के लिए उज्वला गैस योजना चला रहा हो तो इन लोहे के उन्नत चूल्हों का क्या उपयोग है…
बहरहाल उन्नत चूल्हों का उपयोग हो या ना हो..पर जिन गरीबो के उत्थान और कल्याण के लिए सरकार योजनाएं बनाती है..तो फिर आखिर वे गरीब के गरीब ही क्यो रह जाते है..क्या सरकार के योजनाओ पर गरीबो का पैमाना सिर्फ इतना ही है की.. जितनी सामग्री खरीदनी हो खरीद ले..फिर बचने वाली सामग्री को डम्प कर दे..जो समय पर किसी के काम ना आये और आखिर में कोई काम की ना रहे…