दुर्ग। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे आज जिला अस्पताल पहुंचे। वहां उन्होंने कोरोना सैंपल लेने के लिए बनाये गए रजिस्ट्रेशन केंद्र का निरीक्षण किया। सैंपल देने पहुंचे नागरिक लाइन में तो थे लेकिन सही तरह से सोशल डिस्टेंसिंग का अभाव था, इस पर कलेक्टर ने कड़ी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन से कहा कि अभी सैंपल के लिए आये लोगों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग बनाना सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसके लिए जो निर्धारित दो गज की दूरी है। उसका पालन कराएं। उन्होंने कहा कि अस्पताल प्रबंधन यह देखें कि जिन लोगों को यहां सोशल डिस्टेंसिंग बनाने की ड्यूटी दी गई है वे इसका गंभीरता से पालन कर रहे हैं या नहीं। इसके साथ ही अस्पताल में सुरक्षा के लिए जो एजेंसी लगाई गई हैं उनके कार्यों की भी समीक्षा करें।
करीब के फीवर क्लीनिक के नंबर डिस्प्ले करें-
उन्होंने कहा कि अधिकांश लोग जिला अस्पताल में सीधे आते हैं इस वजह से जिला अस्पताल में दबाव काफी बढ़ जाता है लेकिन चूंकि नजदीकी फीवर क्लीनिक में भी जांच की सुविधा है अतएव इनकी जानकारी भी यहां पर डिस्प्ले करें। इससे नजदीकी फीवर क्लीनिक के बारे में लोगों को जानकारी भी मिल पाएगी और इस तरह जिला अस्पताल में भीड़ छंटेगी।
रजिस्ट्रेशन के लिए काउंटर्स की संख्या बढ़ाएं-
कलेक्टर ने रजिस्ट्रेशन के लिए काउंटर्स की संख्या बढ़ाने के निर्देश भी दिये। उन्होंने कहा कि इससे कागजी प्रक्रिया में लगने वाला समय कुछ घट जाएगा। उन्होंने कहा कि इस कार्य के लिए वालंटिर्यस की मदद भी ली जा सकती है। एसडीएम श्री खेमलाल वर्मा ने बताया कि इस कार्य के लिए वालंटियर्स से संपर्क किया जा रहा है।
सुरक्षा का रिव्यू और रोटेशन जरूरी-
कलेक्टर ने सीएस से कहा कि सबसे जरूरी यह है कि जल्दी से जल्दी लोगों के सैंपल लिये जाए। यह प्रक्रिया जितनी संक्षिप्त होगी, भीड़ उतनी ही छंटेगी और सोशल डिस्टेंसिग बनाने में उतनी ही मदद मिलेगी। सोशल डिस्टेंसिंग बनाने के लिए और व्यवस्था के लिए जिन लोगों को लगाया गया है। उनके कार्य की मानिटरिंग स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा निरंतर की जाए। जहां पर कार्य संतोषजनक न हो, वहां बदलाव किये जाएं।
दिक्कत वाले मरीजों के सैंपलिंग के लिए अलग से हो व्यवस्था- कलेक्टर ने कहा कि जिन लोगों को उम्र आधारित अथवा शारीरिक अक्षमता आधारित किसी तरह की समस्या है उनकी जिला अस्पताल में ही पृथक रूप से किसी जगह पर सैंपलिंग की जाए।