छत्तीसगढ़ के इस किसान ने परम्परागत खेती को छोड़ इस तकनीकी से बैगन और टमाटर की खेती कर बना लखपति, लखपति बनने पर CM साय ने किया पुरस्कृत


जांजगीर-चांपा (Cultivation of grafted brinjal and cultivation of grafted tomato)..परम्परागत धान की खेती करने वाले कुंवर सिंह मधुकर ने कभी नहीं सोचा था कि, वह कभी उन्नतशील किसान की श्रेणी में एक दिन खड़े हो सकेंगे। लेकिन, जब से वह उद्यानिकी विभाग की राष्ट्रीय कृषि विकास योजना से जुड़ा हैं तब ही से उनके जीवन में बदलाव आना शुरू हो गया और वह भी दिन आया जब उनके कार्य की प्रशंसा पूरे प्रदेश में होने लगी। उनके कार्यों का फल उन्हें मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ युवा प्रगतिशील किसान के रूप में सम्मानित करते हुए किया। इसके साथ ही, उन्हें इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च के माध्यम से लखपति कृषक बनने पर पुरस्कृत किया गया हैं।

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दरअसल, कुंवर सिंह मधुकर जांजगीर-चांपा के पामगढ़ विकासखण्ड के ग्राम पंचायत बारगांव का निवासी हैं। जो खेती किसानी करके अपने एवं परिवार का जीवन यापन करता हैं। और एक दिन उनको उद्यानिकी विभाग की संचालित योजनाओं के बारे में जानकारी मिली। विभागीय योजनाओं के विस्तार से जानकारी लेने के बाद उन्होंने उद्यानिकी के क्षेत्र में कार्य करना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे उनकी मेहनत और विभागीय योजनाओं से मिले लाभ का नतीजा सामने आने लगा। उन्होंने ग्राफ्टेड बैंगन और टमाटर की खेती करना शुरू किया। जिसका लाभ उन्हें धीरे-धीरे मिलने लगा।

अब तक कमा चुका हैं 20 लाख से ज्यादा रुपए का प्रॉफिट

जांजगीर-चांपा के रहने वाला कुंवर सिंह मधुकर द्वारा ग्राफ्टेड बैगन से अब तक 6 एकड़ में 15 लाख रू. का शुद्ध लाभ प्राप्त कर चुका हैं। इतना ही नहीं अभी तीन माह की और तोड़ाई होना बाकी हैं। जिसमें 5 लाख की मुनाफा की उम्मीद हैं। इसके अलावा, उन्होंने ग्राफ्टेड टमाटर की खेती लगभग 4 एकड़ में की जिससे 4.25 लाख का मुनाफा होने की बात वह कहते हैं। इसके अलावा, खीरा से शेडनेट हाउस 1 एकड़ में 2 लाख मुनाफा हुआ हैं। इस प्रकार उद्यानिकी फसल से कृषक को आर्थिक लाभ हो रहा हैं। बाजार में उनके बैंगन और टमाटर की बहुत डिमांड हैं।धीरे-धीरे वे आसपास के किसानों को भी इसके लिए प्रेरित कर रहे हैं।

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इस संबंध में जिला उद्यानिकी विभाग सहायक संचालक रंजना माखीजा ने बताया कि, उद्यानिकी की एक तकनीक हैं। जिसमें एक पौधे के रूट स्टॉक दूसरे पौधे के शॉट स्टीम से जोड़े जाते हैं। जिससे दोनों के वाहिका ऊतक आपस में मिल जाते हैं। इस प्रकार इस विधि से पौधे तैयार किए जाते हैं। इसके लिए शासन से किसान कंवर सिंह मधुकर को वर्ष 2021-22 में प्रधानमंत्री सूक्ष्म सिंचाई योजना अंतर्गत 55 प्रतिशत अनुदान के रूप में 10 एकड़ में दिया गया था। वहीं, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत् वर्ष 2022-23 घटक ग्राफ्टेड बैगन 0.400 हे. में 30,000 रूपए शेड नेट हाउस बनाने के लिए 14.20 लाख दिया गया। जिसमें वह खीरा लगाए हुए थे। वर्तमान में टमाटर लगाएंगे। इसी तरह राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत् वर्ष 2023-24 में मल्चिंग हेतु चयनित होने पर उन्हें 32 हजार रुपए की राशि प्राप्त होगी। उनके बैंगन, टमाटर की मांग राज्य में ही नहीं बल्कि, ओडिशा प्रदेश में हो रही हैं।

खेती करके लखपति बने कुंवर सिंह मधुकर बताते हैं कि, अनुदान मिलने से उन्होंने खेतों में ग्राफ्टेड बैंगन, टमाटर लगाए हैं। इसके साथ ही, उन्हें तकनीकी मार्गदर्शन भी विभाग की ओर से दिया गया हैं। इसके बाद उन्होंने सरकार की इस योजना की प्रशंसा करते हुए तारीफ की हैं।

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