जांजगीर चांपा। छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में इस बार धान खरीदी में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। नवागढ़ ब्लॉक के किरीत और तुलसी धान खरीदी केंद्र में शासकीय भूमि को किसान के नाम पंजीयन कर 2 करोड़ 50 हजार रुपए का शासन को नुकसान पहुंचाने का मामला प्रमाणित होने के बाद अब जिला प्रशासन सख्त नजर आ रहा है। नवागढ़ ब्लॉक में हुए धान खरीदी में भ्रष्टाचार की जांच के लिए जिला नोडल अधिकारी ने जांच दल तैनात कर दिया है। जिस तरह से शासकीय भूमि का पंजीयन कर धान बेचने का मामला सामने आया है। इस जांच में और भी खुलासा होने की संभावना जताई जा रही है।
लीनवागढ़ ब्लॉक के तुलसी और किरीत धान खरीदी केंद्र में शासकीय जमीन को अपने रिश्तेदार किसानों के नाम पंजीयन कर 2 करोड़ 50 लाख रुपए की हेराफेरी करने के मामले में 5 लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने के बाद मामले में कई बड़े नाम सामने आने लगे हैं। खरीदी केंद्र प्रभारी, कंप्यूटर ऑपरेटर के बाद अब कृषि विभाग ने नवागढ़ के कृषि विकास अधिकारी को निलंबित कर विभागीय जांच शुरू कर दिया है। नवागढ़ के राजस्व विभाग के अधिकारियो के संलिप्तता की जांच एसडीएम जांजगीर करेंगी। जिला सहकारी बैंक के नोडल अधिकारी ने बताया कि किरीत और तुस्मा में आए गड़बड़ी के बाद नवागढ़ ब्लाक के सभी 10 धान खरीदी केंद्रों की जांच के निर्देश दिए गए है। जांच में जो भी दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ कारवाई की जायेगी।
संभाग आयुक्त ने जांजगीर चांपा जिले के धान खरीदी और परिवहन की समीक्षा के बाद जिला प्रशासन के काम की सराहना की और गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने के साथ उनके सहयोगियों की भी पहचान कर किसी भी आरोपी को नहीं छोड़ने का भरोसा दिया है।
जिले के पंजीकृत 1,99,881 किसानों के लिए 239 उपार्जन केन्द्र खोले गए थे। 7 फरवरी 4 बजे तक 1,90,856 किसानों से समर्थन मूल्य पर 8,24,424.68 टन धान की खरीदी की गई है। खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में पंजीकृत किसानों में से 95.48 प्रतिशत किसानों ने अपना धान बेचा। धान खरीदी का अनुमानित लक्ष्य 9,10,973 टन था. 90.50 प्रतिशत 8,24,424.68 टन धान की खरीदी की गई है। खरीदी गये धान में से 86.63 प्रतिशत धान उठाव हो चुका है। जिले में शासकीय भूमि और सिंचाई विभाग द्वारा अधिग्रहित भूमि का पंजीयन कर धान बेचने का मामला सामने आया है।
अब जिले में प्लांट के लिए अधिग्रहित भूमि का भी किसान के नाम पंजीयन कर धान बेचने की शिकायत सामने आ रही है। जिसमे नवागढ़ ब्लाक के अमोदा, शिवरीनारायण के गोधान, भूईगाव और डभरा क्षेत्र के कई गांव शामिल है। जहां पावर प्लांट खोलने के लिए जमीन बेची गई थी। लेकिन अब तक प्लांट नहीं खुलने से किसान खेत में अपना कब्जा किए हुए है। जिला नोडल अधिकारी ने इन शिकायतों पर भी परीक्षण करने की तैयारी की है।