गोधना फर्जी शिक्षक भर्ती मामले में शाला विकास समिति के अध्यक्ष व प्रिंसिपल की भूमिका संदिग्ध… पूरी मामले में अब होगी जांच…

जांजगीर चांपा। “गुरू गोविंद देाउ खडे़,काके लांगू पांय, बलिहारी गुरू अपने गोविंद दियो बताय” गुरू का स्थान माता पिता, भगवान सबसे उपर है हमे जन्म पिता से मिलता है लेकिन हमें जीवन मे जीने की शिक्षा ,कामयाब बनने की शिक्षा सिर्फ गुरू देता है शिक्षक सिर्फ वही नही होता है. जो हमें सिर्फ स्कूल,कालेजों मे पढ़ाये,शिक्षक वो भी है जो हमें जीवन जीने की कला सिखाता है। हम सबके जीवन में गुरू का अपना एक अलग ही महत्व होता है। लेकिन गुरू ही जब गलत तरीके से शिक्षा के क्षेत्र अपने स्वार्थ के लिए कार्य करे तो क्या होगा..

ऐसा ही मामला जिले के गोधना के शासकीय अनुदान स्कूल सरस्वती उच्चतर माधमिक शाला का सामने आया हैं। जहां के शिक्षकों को द्वारा कोरोना काल में गुपचुप ढंग से शिक्षक भर्ती किया गया है। जब खबर मिडिया को लगी तो मामले को छुपाने के लिए मिडिया को गुमराह किया गया। आपको बता दे कि सरस्वती उच्चतर माधमिक शाला गोधना में शासकीय अनुदान से स्कूल संचालित हो रहा है. जहां जहां 8 शिक्षको का सेटअप हैं. वही कई रिटायरमेंट हो गये हैं. बताया जा रहा कि यहां कोरोना काल के दौरान बिना जिला शिक्षा अधिकारी के स्वीकृती के शिक्षक भर्ती के लिए विकेंसी निकाल चोरी छेपी साक्षात्कार लेेकर भर्ती किया जा रहा है। लेकिन इसकी भनक जब मिडिया को लगी तो.. फिर क्या स्कूल के शाला विकास समिति के अध्यक्ष केके सिंह मिडिया को गुमराह करते रहे। जब मिडिया ने स्कूल के प्राचार्य तिवारी से मामले की जानकारी लेनी चाही तो उनके द्वारा किसी भर्ती प्रकिया से बारे में जानकारी होने से इंकार किया गया। और इस विषय में पूरी जानकारी स्कूल से रिटायर हो चूके शाला विकास समिति के अध्यक्ष के के सिंह के पास होना बताया गया।

जब हमारे द्वारा के के सिंह से बात करनी चाही तो शाम को समय दिया गया। लेकिन तय समय पर उनके फोन पर बात करने की कोशिश की गई तो हमारे मोबाइल को ब्लाक कर दिया गया। वही आज तक मिडिया से दूरी बनाते रहे। इससे साफ जाहिर हो रहा है फर्जी शिक्षक भर्ती मामले में शाला विकास समिति के अध्यक्ष के के सिंह एवं स्कूल के प्राचार्य तिवारी की भूमिका सदिग्ध है। जिस स्कूल मे शिक्षकों की भर्ती हो रही है उस स्कूल के प्राचार्य को किसी प्रकार की जानकारी न होना शंका और बल मिल रहा है। स्कूल के शाला विकास समिति में 8 सदस्य है लेकिन सिर्फ गिनती कि तीन-चार लोगो को ही इस भर्ती प्रक्रिया के बारे में जानकारी है बाकी शिक्षक सदस्य किसी प्रकार की शिक्षक भर्ती के बारे मे जानकारी होने से इंकार कर रहे है। पूरे मामले में जब जिला शिक्षा अधिकारी डीके कौशिक के जानकारी ली गई तो उनका कहना था कि मामले की शिकायत मिली है इस मामले में जंाच कराइ्र्जयेगी और जो भी दोषी पाया जायेगा उस पर कार्यवाही की जायेगी।