बलरामपुर..(कृष्णमोहन कुमार).. स्कूलों मे बच्चों के प्रैक्टिकल करने के लिए साइंस लैब होते है..पर सुनने में अटपटा जरूर लगेगा क्योंकि बलरामपुर जिले के ग्रन्थालय में साईंस नही. मैथ्स लैब संचालित की जा रही है..जहाँ जिला प्रशासन ने सरकारी स्कूलों के गरीब बच्चों को प्रैक्टिकल कराते हुए गणित की पढ़ाई कराने का नायाब फार्मूला ढूंढ निकाला है.
दरसल छत्तीसगढ़ राज्य के अंतिम पड़ाव पर बसे आदिवासी बाहुल्य बलरामपुर जिले में सरकारी स्कूलों के गरीब बच्चों के लिए जिला प्रशासन ने मैथ्स लैब की स्थापना की है..जहाँ स्कूली बच्चो में गणित के प्रति जिझक को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है..और यह प्रयास रंग भी ला रहा है .
जटिल विषय की परिभाषा को बदला लैब ने.
अध्ययन -अध्यापन के क्षेत्र में गणित का अपना एक अलग ही स्थान है. लेकिन गणित सब्जेक्ट को लेकर विद्यार्थियों में कोई खास रुचि नही हुआ करती थी..लेकिन गणित जैसे महत्वपूर्ण विषय के प्रति रूचि पैदा करने के लिए जिला मुख्यालय के सरकारी स्कूलो के बच्चों को मैथ्स लैब में घनाकार, वृत्त और त्रिज्या की परिभाषा प्रैक्टिकली तौर पर समझाई जा रही है..
प्रशासन का फॉर्मूला..गणित के प्रश्नों को कर रहा हल…
जिस तरीके से मैथ्स लैब में स्कूली बच्चों को गणित की शिक्षा दी जा रही..उसी आधार पर ये बच्चे गणित के प्रश्नों को आसानी से हल करने वाले फार्मूले को समझ रहे है..जो किताबी ज्ञान से हटकर है..और इन स्कूली बच्चों की माने तो इन्हें इसका भविष्य में लाभ भी मिल सकेगा..
शिक्षक भी ले रहे रुचि..
वही मैथ्स लैब के शिक्षकों का कहना है कि..स्कूली बच्चे जैसे -जैसे पांचवी की पढ़ाई कर आगे की कक्षाओं की ओर बढ़ते है..उन्हें गणित ,विज्ञान और अंग्रेजी की चिंता सताने लगती है..और इन सब विषयो में गणित एक जटिल विषय मानी जाती है..जिसको देखते हुए ..ऐसे बच्चों को किताबी ज्ञान की लीक से हटकर प्रयोग के साथ गणित के प्रश्नों को हल करने वाले फार्मूले बताए जाते है..ताकि इन फार्मूलों (सूत्रों) को बच्चे आसानी से समझ सके..जिससे उन्हें भविष्य में इसका लाभ मिल सके..और उन्हें इन फार्मूलों को रटने से छुटकारा मिल सके..
परीक्षा परिणामो के स्तर को सुधारने की रणनीति: तायल…
मैथ्स लैब को लेकर जिला पंचायत सीईओ शिव अनन्त तायल कहते है कि..उन्होंने इस मैथ्स लैब की परिकल्पना शिक्षण सत्र 2017 -18 में आये बोर्ड परीक्षा परिणामो में गिरावट को देखते हुए यह फैसला लिया..
इसके अलावा जिला पंचायत सीईओ कहते है..की यह मैथ्स लैब एक पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू की गई है.. जिसमे मुख्यालय के पांच किलोमीटर की रेडियस वाले हाईस्कूल के बच्चों को लाभ मिल रहा है..और भविष्य में इस लैब में जिले के सभी सरकारी हाईस्कूल के बच्चों को लाने की कार्य योजना बनाई जा रही है…