सूरजपुर (दतिमा मोड़ आयुष जायसवाल) सूरजपुर जिले की लचर बिजली व्यवस्था किसी से छिपी नहीं है…पहले तो गर्मी में मेन्टेन्स के नाम पर घण्टो बिजली गुल हुआ करती थी..पर अब बरसात में भी यही आलम बना हुआ है..दिन के 24 घण्टो में नाम मात्र के कुछ ही घण्टे उपभोक्ताओं पर बिजली देवता मेहरबान हुआ करते है..जिसके चलते लोगो को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है..
वही बिजली की समस्या से सबसे ज्यादा त्रस्त ग्रामीण अंचल के लोग हो रहे है.. समस्या ग्रामीण क्षेत्रो में है जानकारी के अनुसार भैयाथान से सटे सलका सब स्टेशन में पड़ने वाले लगभग 50 गॉवो से भी अधिक गाँवो में बिजली की आमद रफ्त और लो वोल्टेज की समस्या बनी हुई है ..उपभोक्ताओं ने आरोप लगाया है कि जब गर्मी में लाइट जाती थी तो बस मेन्टेन्स के नाम पर चंद घण्टो के लिए बिजली आपूर्ति काटी जाती थी.. और कारण यह हुआ करता था की.. अभी मेंटनेंस कर दिया जायेगा तो बरसात भर अच्छी बिजली मिलेगी, लेकिन पुरे गर्मी भर मेंटनेंस करने के नाम पर घण्टो बिजली काटने के बाद आज बरसाती सीजन के शुरुआती दौर में बिजली ने राहत तो दूर लोगो को रुलाना शुरू कर दिया है..
आज भी 24 घण्टो में अधिकतर बिजली गुल रहती है , जिससे ग्रामीणों के साथ साथ शहर वासियों को भी निश्चित ही भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है
VIP लोगो के पास तो है सुविधा पर आम लोगो के पास है क्या?..
क्षेत्रवासियो ने स्थानीय नेताओं पर आरोप लगाया है कि उनके पास तो बिजली नही भी है तो इन्वर्टर व सौर ऊर्जा लगवा चुके है जिससे उन्हें कोई फर्क नही पड़ता ना ही वे सम्बंधित विभाग से जानकारी लेना उचित समझते है , ज्ञात हो की छ ग शासन के ग्रहमंत्री रामसेवक पैकरा के साथ साथ भटगॉव विधायक पारस नाथ रजवाड़े का यह गृह क्षेत्र है ..लेकिन नेता जी के यहा ठेकेदारों के सौजन्य से तो इन्वर्टर व सौर ऊर्जा लगवा लिए है, जिससे इन्हें आम जनता की परेशानी की सुध लेना इन नेताओं को कहा पसन्द है साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में अघोषित बिजली कटौती का आलम यह है कि एक बार बिजली गुल हो जाए तो कब तक विद्युत आपूर्ति सुचारू रूप से लोगों को मिलेगी यह भी किसी विभागीय अधिकारी को पता नहीं होता..साथ ही अगर किसी अधिकारी से बिजली के सम्बन्ध में बात किया जाये तो बस फाल्ट है कहकर अपनी जिम्मेदारी निभा दी जाती है..रात – दिन बिजली गोल रहने से क्षेत्र वासी निश्चित रूप से परेशान है. उपभोक्ताओं ने कहा कि प्रदेश में सरप्लस बिजली का उत्पादन किया जाता है तो इस अघोषित बिजली कटौती से विभाग क्या जताना चाहता है? हल्के बादल आते ही या बूंदा बांदी होते ही बिजली गुल हो जाती है, जो छतीसगढ़ सरकार के 24 घण्टे बिजली देने के सारे दावो को खोखला साबित करने में कोई कोर कसर नही छोड़ रही है..
बता दे की छतीसगढ़ को जीरो पॉवर कट राज्य का दर्जा मिला है , जो धरातल पर मात्र मजाक ही साबित हो रहा है…