बलरामपुर(कृष्णमोहन कुमार) सेमरसोत अभ्यारण्य के अंतगर्त बीट झलारिया के कक्ष क्रमांक RF 468 में झलारिया निवासी देवकुमार यादव पिता झरी यादव को जंगल में आग लगाते हुए गिरफ्तार कर लिया है,लेकिन यह जांच का विषय है कि ,आग केवल एक ने लगाई या फिर उसके और भी साथी रहे हो,आग क्यो लगाई ?
बहरहाल बीते कुछ दिनों से जंगल में लग रहे आग से अधीक्षक सेमरसोत चिंतित थे,उन्होंने ने अपने मातहत अधिकारियों को इस सम्बन्ध में निर्देशित किया था ।जिससे गेम रेंज बलरामपुर और कोदौरा के स्टॉफ टीम बनाकर वन गस्ती कर रहे थे। गस्ती के दरम्यान विभाग को सफलता मिली,जंगल मे आगजनी के मामले को गंभीरता से लेते हुए आरोपी के विरुद्ध वन प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के प्रावधान के तहत प्रकरण को न्यायालय रामानुजगंज में प्रस्तुत किया गया जहां से आरोपी को रिमांड में जेल भेज दिया गया।
- आखिर क्यों ?आग से दहल उठता है”सेमरसोत”…
आपको बता दे कि जिले एक मात्र संरक्षित वन है,उसकी और इस संरक्षित वन में लगभग दो दर्जन से अधिक गाँव बसे है,तथा सेमरसोत अभ्यारण में वन्य प्राणियों का बसेरा है,जंगल मे आग लगते है वन्यजीवों की सुरक्षा को लेकर भी कई अहम सवाल खड़े होते है,बावजूद इन सबके ग्रामीण महुआ बीनने की होड़ में जंगलो को आग के हवाले कर देते है,समय रहते यदि आग पर काबू ना पाया जाए तो वन्यजीवों समेत जंगल के आसपास की बसाहट वाले गांवो तक आग की लपटें पहुँच सकती है।
लेकिन इन सबसे पर ग्रामीण जंगलो में आग लगाकर अपना स्वार्थ सिद्धि पा लेते है,यहाँ पर जरूरत कार्यवाही की नही बल्कि जागरूकता की है,वन विभाग प्रत्येक वर्ष करोड़ो -अरबो रूपये खर्च कर पौधे लगती है,तो फिर क्यो ना कुछ पैसे और खर्च कर लोगो मे वनों के प्रति जागरूकता लाने का काम किया जाए…