अम्बिकापुर.. प्रदेश में चुनावी बयार बहनी शुरू हो गई है..ऐसे में चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटे नेता भले कैसे चुप बैठने वाले है..पहले तो कांग्रेस को ही गुटबाजी का गढ़ माना जाता था..पर अब यही हाल सत्तापक्ष का भी है..लेकिन यह खेमेबाजी खुलकर सामने नही आती है..आते है तो केवल परिणाम..एक ऐसा ही उदाहरण सरगुजा के सरजमी पर दिखी जहाँ आज दोपहर खुद सत्तापक्ष के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौजूद थे..
दरसल सूरजपुर वासियों के लिए गिरीश गुप्ता का नाम कोई नया नही है..और ना ही राजनीतिक जानकारों के लिये..गिरीश गुप्ता है तो बतौर जिला पंचायत उपाध्यक्ष और वे प्रदेश के गृह मंत्री रामसेवक पैकरा के करीबी भी माने जाते है. पर वे सुर्खियों में इसलिए है की ..उन्होंने खुद पार्टी के संगठन मंत्री सौदान सिंह पर टिप्पणी करते हुए पैसे लेकर टिकट बांटने का आरोप लगाया था..और इसका आडियो में शोसल मीडिया पर तैरकर सुपरहित हुआ था..
वही इस आडियो वायरल की कहानी के बाद सूरजपुर जिले की पुलिस ने गिरीश गुप्ता को हिस्ट्रीशीटर बताकर गिरफ्तार किया था..सूत्रों के मुताबिक गिरिश के विरुद्ध भटगांव पुलिस ने कार्यवाही करते हुए उसे तहसीलदार न्यायलय पेश कर 10 दिन पहले जेल भेज दिया था..और दो बार तहसीलदार न्यायालय से जमानत खारिज होने पर ..गिरीश के परिजनों ने शेसन कोर्ट की शरण ली थी..जहाँ से गिरीश गुप्ता को जमानत मिल चुकी है..
बता दे की सम्भाग के 14 सीटों में से एक सामान्य सीट भटगांव से गिरीश गुप्ता भाजपा के दावेदार रहे है..और उनके जेल जाते ही उनके समर्थकों के चेहरों पर मायुसी झलक रही थी..तथा उन्हें जमानत मिलने की खबर के बाद अब उनके समर्थक एक बार फिर चुनाव के लिए तैयार हो गए है. इतना ही नही मौजूदा दौर में इस सीट से चुनावी समीकरण बिगड़ने के आसार भी है..
फिलहाल भटगांव विधानसभा सीट पर मौजूदा दौर में कांग्रेस से पारसनाथ राजवाड़े विधायक है..और इस बार भी शायद वे ही इस पद के उम्मीदवार है..और इस क्षेत्र में जमीनी स्तर पर अपनी पैठ जमा चुके गिरीश गुप्ता के जेल जाने के बाद यह कयाश लगाए जा रहे थे..की कही ना कही कांग्रेस को इसका लाभ मिलेगा..पर अब गिरीश के जमानत के बाद इस सीट पर चुनावी समीकरण डगमगाएगा..क्योकि सत्ता सत्तापक्ष के पास गिरीश के अलावे भी कई दावेदारों की फेहरिस्त मौजूद है..