अम्बिकापुर… जिले के लुण्ड्रा विधानसभा के लवईडीह मे कल घुनघुट्टा नदी पार करते वक्त कल एक महिला डूब गई थी, जिसका अभी तक कोई सुराग नही मिला है… जिसके विरोध मे आज लुंड्रा विधायक चिंतामणि कंवर ने ग्रामीणों के साथ मिलकर उसी स्थान मे जल सत्याग्रह किया है ,, इधर इस विरोध प्रदर्शन मे ग्रामीण पुल की मांग कर रहे है तो वही डूबी महिला को खोजने जिला प्रशासन की टीम और एसडीआरएफ की टीम मौके पर मौजूद है….गौरतलब है कि विधायक 10 बजे सुबह से पानी मे उतरे हैं.. और पुल की मांग ना माने जाने तक हर दो घंटे मे पांच कदम गहरे पानी की ओर जा रहे हैं… हालांकि जिला प्रशासन उन्हे मनाने मे जरूर जुटा है
अम्बिकापुर के दरिमा थाना क्षेत्र मे आने वाले लवईडीह गांव अपनी भौगोलिक परिस्थिति और प्रशासनिक उदासीनता के कारण हमेशा से सुर्खियो मे रहता है.. गांव घुनघुटा डेम के कैचमेंट क्षेत्र मे है और घुनघुटा नदी के पानी से हमेशा घिरा रहता है.. यही वजह है कि कल जब गांव की एक महिला नदी को पार कर रही थी.. तभी वो पानी के भंवर मे फंस गई और डूब गई.. लेकिन महिला का अब तक कोई पता नही चला.. जिसको लेकर आज क्षेत्रीय विधायक चिंतामणि कंवर ने स्थानिय ग्रामीणो के साथ घटना स्थल पर जल सत्याग्रह शुरु कर दिया है..
सरगुजा जिले के घुनघुटा डेम से लगे लवईडीह गांव मे पिछले एक दशक से नदी के लंबे चौडे पाट को पार करने के लिए ग्रामीण पुल की मांग कर रहे है… जिसको लेकर कुछ साल पहले जिला प्रशासन ने पुल तो नही बनाया, लेकिन ग्रामीणो को नदी पार करने के लिए एक वोट जरुर दे दी थी.. यही वजह है कि खासकर बरसात के दिनो मे डेम मे अत्यधिक जलभराव के कारण नदी मे पानी बढ जाता है.. और लवईडीह गांव दो भाग मे बट जाता है.. आलम ये है कि नदी उस पार के लोग को अपनी बुनायदी जरुरतो स्कूल , राशन के लिए या तो देशी नाव डोंगा से नदी पार करना पडता है.. जो काफी खतरनाक है.. और कई बार हादसे भी हो चुके है… लेकिन फिर भी शासन प्रशासन पुल बनाने की मांग को कई वर्षो से अनसुना कर रहा है…
चलिए देर आए दुरुस्त आए कहावत को चरितार्थ करते हुए स्थानिय विधायक को ग्रामीणो की सुध आई और वो महिला की मौत के बाद जाग गए… बहरहाल जल सत्याग्रह कर विरोध प्रदर्शन करने वाले विधायक महोदय अगर पिछले चार साल से सत्याग्रह करते तो शायद घुनघुटा नदी मे जिस पुल की मांग अब तक हो रही है वो मांग भी पूरी हो जाती और किसी को अपनी जान भी नही गंवानी पडती…
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