अम्बिकापुर.. बिमारी की रोकथाम के लिए अस्पताल बनाए गए हैं. अस्पताल को संचालित करने के लिए डाक्टरो की नियुक्ति होती है. लेकिन अस्पताल को साफ सुथरा रखने के लिए जिम्मेदार अधिकारी जब आंख मे पट्टी बांध ले. तो फिर अस्पताल बिमारी की रोकथाम नहीं बल्कि बिमारी परोसने वाला संस्थान बन जाता है. और इन दिनों यही हाल अम्बिकापुर के मेडिकल कालेज अस्पताल का है.. यहां का मेडिकल वेस्ट लोगो के लिए जानलेवा साबित हो रहा है.
दरसल अम्बिकापुर मेडिकल कालेज अस्पताल बेहद गंभीर बिमारियां परोस रहा है.जिसे सुनकर हैरानी जरुर होगी. लेकिन अस्पताल परिसर मे पसरी बायो मेडिकल वेस्ट की गंदगी तो इस बात की साफ गवाही दे रही है. जिस मेडिकल वेस्ट को इंसीनिरेटर मशीन के माध्यम से डिस्पोजल करने की जिम्मेदारी अस्पताल प्रबंधन ने की है. और उस गंदगी को मशीन से डिस्पोज ना करके कैंपस के भीतर ही इधर उधर फेंक दिया गया है. इतना ही नही इस मेडिकल वेस्ट को खुले मे भी जलाया जा रहा है . जिससे मेडिकल वेस्ट का धुंआ हवा मे मिलकर वहां आने वाले मरीजो, आम लोगों और आस पास के रहवासियों के लिए हानिकारक बन रहा है.
बता दे की संभाग के सबसे बडे अम्बिकापुर मेडिकल कालेज अस्पताल प्रबंधन की अनदेखी के काऱण शहर की हवा मे जहर घुल रहा है. इतना ही नही इस मेडिकल बायो वेस्ट को मवेशी भी आसानी से खा रहें है. जिससे उनका जीवन भी खतरे मे आ सकता है. लेकिन इस गंभीर मसले को अस्पताल प्रबंधन काफी हलके मे ले रहा है.
वही मेडिकल वेस्ट की श्रेणी मे आने वाले कचरे मे ड्रेसिंग का कचरा, बची हुई दवाईयां , सीरेंज, और गुल्कोज की खाली बोतल आते हैं. और ये सब मेडिकल कालेज अस्पताल मे बिखरा और खुले मे जलता पडा है.
इसके अलावा अब साहब कह रहे है की मशीन ठीक हो गई है. और जल्द ही इस समस्या से निजात मिल सकेगी..
डां रविकांत दास_अधीक्षक_ मेडिकल कालेज अस्पताल अम्बिकापुर…