बलरामपुर (कृष्णमोहन कुमार) जिला मुख्यालय में स्थित करोड़ो की लागत से नवनिर्मित जिला पंचायत संसाधन केन्द्र भवन का छप्पर बीते रात आये हल्के आंधी तूफान की वजह से धराशायी हो गया,उक्त भवन के निर्माण की गुणवत्ता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है,की निर्माण एजेंसी के कार्य की मॉनिटरिंग करने वाले अधिकारियों ने किस कदर लापरवाही बरती होगी।
- स्टीमेट बदलने का नतीजा…
विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक राज्य सरकार ने जिले में डीपीआरसी भवन(जिला पंचायत संसाधन केंद्र) बनाने 2 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की दी,तथा तत्कालीन कलेक्टर ने राज्य शासन से दी गई स्टीमेट को ही बदल दिया था,और मनमानी पूर्ण ढंग से डीपीआरसी भवन को बनवाया था,और उक्त भवन को बने ही डेढ़ साल पूरे हुए है कि,भवन का छप्पर हल्का तूफान तक नही झेल पाया… - तानाशाही बना कारण….
जिले के पंच -सरपंचों के सम्मेलन के अलावा समय समय पर आयोजित होने वाली कार्यशाला के लिए डीपीआरसी भवन का निर्माण कराया गया था,लेकिन तानाशाह ब्यूरोक्रेसी की वजह से यह भवन करप्शन की भेंट चढ़ गया…
ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग की देख रेख में बने इस संसाधन केंद्र के निर्माण में घटिया निर्माण कराया गया,इतना ही नही गुणवत्ताविहीन सामग्रियों का भी उपयोग किया गया है…
- सीईओ तायल ने दिये-जांच के आदेश….
वही डीपीआरसी बिल्डिंग के छप्पर के उड़ने की जानकारी मिलने के बाद जिला पंचायत सीईओ शिव अनन्त तायल मौके पर पहुंचे थे,तथा जिला पंचायत सीईओ ने मामले को गम्भीरता से लेते हुए रामानुजगंज एसडीएम विजय के दयाराम के नेतृत्व में तकनीकी अधिकारियों की टीम गठित कर जांच करने का आदेश दे दिया है,जिला पंचायत सीईओ ने बताया की जांच टीम तीन बिन्दुओ पर जांच कर जिला पंचायत को रिपोर्ट सबमिट करेगी,जिसके बाद दोषियों पर कार्यवाही की जाएगी….