कवर्धा.. प्रदेश सरकार गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले परिवारों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं सरकारी पैसे पर देने स्मार्ट कार्ड बना गरीबो में बाट रही है..तथा सरकारी से लेकर निजी अस्पतालों में स्मार्ट कार्ड धारकों का ईलाज सरकारी पैसों पर कराती है..लेकिन उसी स्मार्ट कार्ड के नाम पर गरीब मरीजो के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है..वही स्मार्ट कार्ड को लेकर निजी अस्पतालों की मनमानी के मामले सामने आते रहे है..और ऐसा ही एक मामला जिले के एक निजी अस्पताल में सामने आया है..जहाँ स्मार्ट कार्ड के पैसों के लालच में एक मासूम को अपनी जान गवानी पड़ी है…
बता दे की जिले के गोराज चिल्ड्रन अस्पताल में इलाज के दौरान एक मासूम की मौत हो गई ..परिजनों का आरोप है की उन्होंने मासूम की तबियत ज्यादा बिगड़ने पर उन्होंने अस्पताल प्रबंधन से छुट्टी मांगी थी..ताकि वे बेहतर उपचार के लिए मासूम को कही और ले जा सके..पर अस्पताल प्रबंधन ने अस्पताल में भर्ती उक्त मासूम को डिस्चार्ज करने से मना कर दिया..इतना ही नही अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें अस्पताल में जमा किये गए स्मार्ट कार्ड को वापस नही दिया..तथा अस्पताल की मनमानी के बीच मासूम की जान चली गई…
बहरहाल सरकार के स्मार्ट कार्ड का कर्ज मासूम को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी..इस मसले पर अब क्या कार्यवाही होगी यह तो समय ही बताएगा ..लेकिन सरकार की इस महत्वकांक्षी योजना में जमी करप्शन की जड़ो से क्यो नही निपट रही यह समझ से परे है..