रायपुर
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज शाम यहां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सरसंघ श्री के.सी. सुदर्शन की जयंती के अवसर पर आयोजित श्री सुदर्शन स्मृति राष्ट्रीय व्याख्यान माला को सम्बोधित किया। उन्होंने मुख्य अतिथि की आसंदी से अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि श्री सुदर्शन के विचारों और चिन्तन से आज के वैचारिक उथल-पुथल के दौर में देश और दुनिया को सही दिशा दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि श्री सुदर्शन जी के व्यक्तित्व में सहजता, सरलता और दृढ़ता का अनोखा सम्मिश्रण था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सुदर्शन जी का जन्म इसी रायपुर में 18 जून 1931 को हुआ था और यहीं पर 15 सितम्बर 2012 को उनका निधन हुआ। छत्तीसगढ़ उनकी जन्म भूमि और कर्म भूमि थी, इसलिए इस राज्य से उनका विशेष भावनात्मक लगाव था। उनका आशीर्वाद हमेशा छत्तीसगढ़ पर बना रहेगा। मुख्यमंत्री ने श्री सुदर्शन के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हर विषय पर उनका गहन अध्ययन था। इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े और अपनी योग्यता से संघ के सर्वोच्च पद पर पहंुचकर राष्ट्रीय स्तर पर इस विशाल संगठन का नेतृत्व किया। डॉ. सिंह ने स्वर्गीय श्री सुदर्शन के साथ जुड़े अपने संस्मरणों को भी साझा किया।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सुदर्शन जी पर केन्द्रित एक स्मारिका और मृत्युंजय शीर्षक से उन पर बनाए गए वृत्त चित्र की सी.डी. का विमोचन किया। श्री सुदर्शन प्रेरणा मंच रायपुर द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए श्री रामदत्त जी ने अपने विचार व्यक्त किए। पद्मश्री सम्मान प्राप्त डॉ. मुजफ्फर हुसैन मुख्य वक्ता के रूप में व्याख्यान माला में शामिल हुए। इस अवसर पर कृषि एवं जल संसाधन मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री अजय चन्द्राकर, राज्यसभा सांसद श्री नन्दकुमार साय और डॉ. भूषण लाल जांगड़े सहित श्री रामप्रताप सिंह, श्री सुदर्शन प्रेरणा मंच आयोजन समिति के संयोजक डॉ. रवि श्रीवास, सह संयोजक डॉ. प्रभात मिश्रा और अनेक जनप्रतिनिधि और प्रबुद्धजन उपस्थित थे। मंच के सह संयोजक श्री शशांक शर्मा ने कार्यक्रम का संचालन किया।