- मुख्यमंत्री को पता नहीं कि एनआईए अब जांच नहीं कर रही है: भूपेश बघेल
- झीरम कांग्रेस के लिए राजनीति का मुद्दा नहीं, सीबीआई जांच हो तो शपथ पत्र देने को तैयार हूं
रायपुर
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने कहा है कि शायद मुख्यमंत्री जी को पता नहीं है कि एनआईए झीरम मामले की जांच अब नहीं कर रही है और इसलिए एनआईए के समक्ष अब कोई शपथ पत्र देने का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर भाजपा सरकार की नीयत साफ है, अगर झीरम में कांग्रेस के नेताओं को मरवाने में उसका कोई हाथ नहीं था तो झीरम मामले की जांच सीबीआई से करवाएं और वे सीबीआई के सामने शपथ पत्र लेकर हाजिर हो जाएंगे।
आज कांग्रेस भवन में एक पत्रवार्ता में उन्होंने रमन सिंह के उस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने कहा था कि भूपेश बघेल मीडिया के जरिए राजनीति न करें। उन्होंने कहा, “झीरम कांड रमन सिंह जी के लिए राजनीति होगी, हमारे लिए यह भावुक कर देने वाला दिल से जुड़ा मसला है। हमने उस हत्याकांड में अपने शीर्ष नेताओं को गंवाया है। साथ में कई सुरक्षाकर्मियों की मौत हुई।” श्री बघेल ने कहा कि यह कांग्रेस पार्टी की ही नहीं, पूरे छत्तीसगढ़ के लिए अपूरणीय क्षति थी। हम तो शोक में थे और पता नहीं कब तक रहेंगे, लेकिन हमारा शोक और संताप कई गुना बढ़ जाता है जब हम देखते हैं कि झीरम कांड सिर्फ एक नक्सली हमला नहीं था बल्कि एक व्यापक षडयंत्र था और दुख होता है कि भाजपा की सरकार इस षडयंत्र की जांच नहीं करवाना चाहती और जब इसकी मांग की जाए तो राजनीति करने का आरोप लगाती है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, “न्याय मांगने का हक सभी को है। हमारा भी है, बस हम न्याय मांग रहे हैं। आपने आगे कहा कि मुख्यमंत्री रमन सिंह जी ने मुझे चुनौती दी है कि अगर मुझमें हिम्मत है तो मैं एनआईए के समक्ष शपथ पत्र देकर दिखाऊं। रमन सिंह जी व्यस्त मुख्यमंत्री हैं। इन दिनों शराब बेचने और जनता के बीच अपने शासनकाल को सुराज साबित करने का अतिरिक्त बोझ भी उनके ऊपर आ पड़ा है। वे शायद यह जानने के लिए वक्त नहीं निकाल पाए कि एनआईए ने झीरम के मामले की जांच पूरी कर ली है और अब वो आगे कोई जांच नहीं कर रही है। एनआईए की वेबसाइट पर ही जाएं तो साफ लिखा है कि अब इस मामले में कोई जांच नहीं हो रही है, तो फिर वहां शपथ पत्र क्यों दें? हम इसी बात से दुखी हैं कि झीरम जैसे हत्या कांड की अब कोई जांच नहीं हो रही है।”
भूपेश बघेल ने पत्रकारों को एनआईए की वेबसाइट से निकाला हुआ वह पन्ना भी दिखाया जिसमें लिखा है कि एजेंसी अब झीरम के मामले की जांच आगे नहीं कर रही है।
प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल ने आगे कहा कि विधानसभा के पिछले बजट सत्र में जब झीरम पर चर्चा हुई थी तो मैंने विस्तार से इस पर तर्क रखे थे। पूरा सदन इस बात से सहमत था कि झीरम हत्याकांड में जितनी भी जांच हुई है वह घटना की जांच है, इसके षडयंत्र की जांच नहीं हो रही है। एनआईए ने आरोप पत्र और पूरक आरोप पत्र दोनों दाखिल कर दिए और दोनों से साफ है कि षडयंत्र की जांच नहीं हुई। अब एनआईए ने जांच बंद कर दी। एक जांच आयोग बना है लेकिन उसकी जांच के दायरे में षडयंत्र का पता लगाना नहीं है। विधानसभा में जब सदन एकमत हुआ तो रमन सिंह जी ने दबाव में बेमन घोषणा की थी कि इस मामले को सीबीआई को सौंपा जाएगा। लेकिन हुआ यह कि यह मामला सीबीआई की भिलाई शाखा को भेज दिया गया जो आर्थिक अपराध शाखा है।
श्री बघेल ने आरोप लगाया, “केंद्र में भाजपा की सरकार है और राज्य में भी भाजपा की सरकार है। भाजपा की दोनों सरकारें नहीं चाहतीं कि झीरम कांड की सीबीआई जांच हो। क्यों नहीं चाहतीं इसकी वजहें साफ है। अगर सीबीआई जांच करेगी तो पूछेगी कि उसी बस्तर में विकास यात्रा के लिए 1700 से अधिक जवान सुरक्षा के लिए तैनात रहते हैं और उसी बस्तर में परिवर्तन यात्रा के लिए सिर्फ 138 जवानों की तैनाती क्यों रहती है? सीबीआई पूछेगी कि जब सरकार को पता था कि जिस इलाके से परिवर्तन यात्रा गुजरने वाली है वह नक्सली गतिविधियों वाला इलाका है तो अतिरिक्त इंतजाम क्यों नहीं किए गए? वह पूछेगी कि कैसा आपका आईजी है जो बस्तर में पदस्थ था लेकिन नेता प्रतिपक्ष महेंद्र कर्मा को नहीं जानता? वही महेंद्र कर्मा जो नक्सलियों के साथ लड़ाई में खुलकर सरकार के साथ थे? सीबीआई को बताना पड़ेगा कि घटना के दो घंटे बाद तक भी एक भी सुरक्षा कर्मी क्यों नहीं पहुंचा जबकि कश्मीर के बाद बस्तर ही एक ऐसा इलाका है जहां इतनी भारी भरकम सुरक्षा व्यवस्था है?” उन्होंने कहा कि रमन सिंह जानते हैं कि इन सवालों के जवाब उनकी सरकार को बेनकाब कर देंगे. इसलिए वे ऐसा नहीं कर रहे हैं. सीबीआई जांच को टाल रहे हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने कहा, “मैं मुख्यमंत्री रमन सिंह की चुनौती स्वीकार करता हूं। वे झीरम कांड के षडयंत्र की जांच के लिए सीबीआई को नए सिरे से पत्र लिखें और मैं शपथ पत्र देकर खुद हाजिर हो जाउंगा। अगर मैंने आरोप लगाए हैं कि झीरम से पहले सरकार ने करोड़ों रुपए भिजवाए थे ऐसी सूचना है तो मैं उस सूचना के विवरण भी सीबीआई को दूंगा। जरूरत पड़ी तो समय आने पर जनता को भी बताउंगा।”
श्री बघेल ने कहा, “मुझे रमन सिंह हिम्मत दिखाने की चुनौती न दें। मेरे पास हिम्मत की कोई कमी नहीं है। मैं चुनौती देता हूं कि अगर भाजपा सरकार की नीयत साफ है, अगर झीरम में कांग्रेस के नेताओं को मरवाने में उसका कोई हाथ नहीं था तो झीरम मामले की जांच सीबीआई से करवाएं।”