ढाई माह पूर्व लापता मासूम के पिता ने पुलिस से कहा मैंने की थी उसकी हत्या
पिता की निशानदेही पर घटनास्थल पहुंची पुलिस मिले सिर्फ बाल
अम्बिकापुर-(दीपक सराठे)
नगर के बौरीपारा से ढाई माह पूर्व एक मासूम के लापता हो जाने के इतने दिनों बाद आज सोमवार को उसके परिवार के लोगों ने उसके पिता को पुलिस के पास लाया। पिता ने जब यह कहा कि उसने ढाई माह पूर्व ही अपने बच्चे की हत्या कर दी थी तो पुलिस यह सुनकर हक्की.बक्की रह गई। मानसिक रूप से विक्षिप्त पिता की बातों पर पहले तो पुलिस को विश्वास नहीं हुआए परंतु पिता की निशानदेही पर पुलिस जब खैरबार के खुदीपारा में छोटे झाड़ के जंगल में पहुंची तो वहां सिर्फ बाल बरामद हो सका है। मामले में पुलिस फॉरेंसिंग एक्सपर्ट की मदद लेकर जांच में जुट गई है।
कोतवाली पुलिस ने बताया कि कोरबा जिले के ग्राम मोरगा पतौरिया डांड़ निवासी बहादुर पिता रामभरोस मजदूरी का काम करता था। उसके ससुराल स्थानीय बौरीपारा में स्थित है। उसकी पत्नी मीना की तबीयत ठीक नहीं होने पर पिता धरमपाल ने उसे शंकरगढ़ बुआ के घर उपचार कराने के लिये चार माह पहले भेजा था। इस बीच ढाई माह पहले दशहरे के दिन बहादुर अपने चार साल के बेटे ईश्वर को लेकर अपने ससुराल आया हुआ था। दशहरे के दिन अपने पुत्र को मेले में घुमाकर बहादुर उसके लिये खिलौने लिया और वापस ससुराल पहुंचा। बहादुर के ससुर धरमपाल ने बताया कि उसी शाम बहादुर शौच के लिये ईश्वर को लेकर निकला थाए उसके बाद ईश्वर का कोई पता नहीं चला। बहादुर को भी कोई जानकारी नहीं थी। ससुराल पक्ष के लोगों ने इसकी खबर उसी दौरान कोतवाली पुलिस को दी थी। पुलिस ने मामले में गुमशुदगी का मामला कायम किया था। इसके बाद से बहादुर अपने गांव चला गया था। एक माह पहले उसकी पत्नी मीना शंकरगढ़ से उपचार करवाकर अम्बिकापुर आई थी। वहां उसने अपने बच्चे के बारे में पूछताछ की। पति से पूछताछ करने पर वह पहले तो बदहवास की तरह इधर.उधर की बातें करता रहा। बाद में उसने परिवार वालों को बताया कि वह ईश्वर की हत्या पत्थर मार कर दशहरे के दिन ही कर दिया था। उसका शव खैरबार खुदीपारा जंगल विभाग के छोटे झाड़ के जंगल में उसने फेंका था। उसने अपने पुत्र की हत्या क्यों कीए इसके बारे में वह कुछ नहीं बता पा रहा है। परिवार वालों ने यह सच्चाई जानकर आज इसकी जानकारी कोतवाली प्रभारी श्री चंद्रा व सीएसपी को दी। पुलिस ने घटनास्थल पर जाकर इसकी जांच प्रारंभ कर दी है।