जांजगीर-चांपा। इन दिनों जांजगीर चांपा जिले के कलेक्टर अपने व्यवहार को लेकर खूब चर्चा में हैं। आम जनता से लेकर पत्रकार, जनप्रतिनिधि अपनी समस्याओं को लेकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचे हैं तो उनको दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ता है. साहब घंटो तक बाहर इंतजार के लिए बैठाकर रखते हैं. कभी-कभी बिना मिले चले जाते है। कलेक्टर साहब को इसकी चिंता नहीं रहती कि कोई आदमी कितनी जरूरी काम से कितने दूर से अपने समस्या को लेकर मिलने आया है।
आम जनता की बात तो छोड़ ही दीजिए यहां तो पत्रकारों एवं विपक्ष के विधायको को साहब से मिलने के लिए घंटो इंतजार करना पड़ता है. साहब के मूड के अनुसार ही मिल पाना होता है, अगर साहब का मूड नहीं है तो साहब मिलने से इनकार भी कर देते हैं या कहे उठकर चैंबर से चले जाते है। यह कोई एक दो रोज का खेल नहीं है. यह सब रोजाना देखने को मिलता है, साहब के व्यवहार से सभी परेशान है।
ऐसा ही वाक्य शुक्रवार को दोपहर को हुआ जब जांजगीर चांपा के विधायक व्यास कश्यप कलेक्टर कार्यालय साहब से मिलने के लिए पहुंचे हुए थे तभी कार्यालय के बाहर ग्रामीण घंटो तक मिलने का इंतजार में थे, मौके पर विधायक को देख ग्रामीणों ने विधायक से कलेक्टर से मिलने आग्रह किया तो विधायक ने तीनो ग्रामीणों को अपने साथ अंदर ले गए तभी विधायक के साथ तीनों ग्रामीणों को देखकर साहब गुस्सा में आ गया और उन्हें बाहर जाने के लिए बोल दिया.
तब विधायक ने कहा की ये मेरे साथ आए है, लेकिन साहब ने एक नहीं सुनी और कहा कि कार्यालय के अंदर तीन लोगों से ज्यादा नहीं आ सकते. तब विधायक ने भी कहा कि आम जनता आपसे नहीं मिल सकते तो मैं भी नहीं मिलना चाहता,और विधायक भी ग्रामीणों के साथ वापस लौट गए. तब साहब को अपनी गलती का एहसास हुआ और विधायक को मानने लगे, मैसेज भेज कर वापस विधायक को बुलाने लगे.
लेकिन विधायक वापस नहीं आए और कहा कि जनता ने मुझे चुना है अगर उनके लिए मैं आपके पास समस्या को लेकर नहीं आऊंगा तो और किसके पास जाऊंगा. अगर आप समस्या का हल नहीं कर सकते तो यहां किस लिए बैठे हैं. इस तरह साहब के व्यवहार से विधायक से लेकर सभी परेशान हैं. उनके कर्मचारी भी उनके काम से संतुष्ट नहीं है, घंटो तक मीटिंग बैठक लेकर चर्चाएं करते है, लेकिन ग्राउंड में किसी तरह का काम दिखाई नहीं दे रहा है.