15वें वित्त योजना की राशि में बड़ा गबन, सरपंच-सचिव पर गंभीर आरोप, उपसरपंच और पंचों ने कलेक्टर से की मुलाकात

अम्बिकापुर..(सीतापुर/अनिल उपाध्याय).. सरगुजा जिले के ग्राम पंचायत सोनतराई में 15वें वित्त योजना के तहत आवंटित लाखों रुपये का सरपंच और सचिव द्वारा गबन करने का मामला सामने आया है। इस वित्तीय अनियमितता के खिलाफ ग्राम पंचायत के उपसरपंच नरेश बघेल और अन्य पंचों ने मोर्चा खोलते हुए कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है, जिसमें उन्होंने आय-व्यय की विस्तृत जांच की मांग की है।

Random Image

ज्ञापन में उपसरपंच और पंचों ने आरोप लगाया है कि सरपंच ने सुनियोजित तरीके से अपने पति को गोठान समिति का अध्यक्ष बनाकर बिना किसी काम को अंजाम दिए, फर्जी बिल और दस्तावेजों के जरिये वित्तीय राशि का गबन किया है। उन्होंने सरकार से वर्ष 2021 से 2024 तक ग्राम पंचायत को आवंटित की गई राशि और कराए गए विकास कार्यों की जांच की मांग की है, ताकि भ्रष्टाचार का खुलासा हो सके।

img 20240922 wa0004204304272195338315

सरपंच-सचिव द्वारा विकास राशि का दुरुपयोग

सरकार द्वारा ग्रामीण विकास के लिए आवंटित राशि का सही तरीके से उपयोग ना कर, सरपंच और सचिव ने गांव के विकास के लिए मिलने वाले लाखों रुपये का दुरुपयोग किया है। आरोप है कि सरपंच ने अपने पति को गोठान समिति का अध्यक्ष बना दिया, जिसके बाद बिना काम कराए ही फर्जी बिलों के माध्यम से राशि का गबन किया गया।

पंचों का कहना है कि यदि निष्पक्षता से 15वें वित्त योजना के अंतर्गत कराए गए कार्यों की जांच की जाए, तो बड़ा घोटाला उजागर हो सकता है। ज्ञापन में विशेष रूप से 2021 से 2024 तक की राशि और उससे किए गए कार्यों की पूरी जांच की मांग की गई है।

सीईओ की जांच के बिना वापसी

जनदर्शन के माध्यम से शिकायत किए जाने के बाद सीईओ एस.के. मरकाम जांच के लिए ग्राम पंचायत सोनतराई पहुंचे, लेकिन सरपंच की अनुपस्थिति के कारण जांच पूरी नहीं हो सकी। सरपंच अपने पारिवारिक सदस्य के इलाज के लिए बाहर गई हुई थीं, और सभी जरूरी दस्तावेज उनके पास थे, जिसके चलते जांच को स्थगित करना पड़ा।

ज्ञापन सौंपने के दौरान उपसरपंच नरेश बघेल, पंच देवनारायण यादव, प्रभावती अनामिका, रामपाल, नागेंद्र कुमार और अन्य पंचगण उपस्थित थे। सभी ने इस मामले में त्वरित और निष्पक्ष जांच की मांग की है, ताकि भ्रष्टाचारियों को सजा दी जा सके और गांव का विकास सही तरीके से हो सके।