भारत-श्रीलंका पहला वन-डे मैच रहा टाई, फिर क्यों नहीं हुआ सुपर ओवर, जानें क्या कहते हैं नियम?

India vs Sri Lanka ODI Match: भारत और श्रीलंका के बीच शुक्रवार, 2 अगस्त को कोलंबो के आर. प्रेमदासा स्टेडियम में काफी रोमांचक मुकाबला खेला गया। दोनों टीमों के बीच खेली जा रही तीन मैचों की वनडे सीरीज के पहले मैच का रिजल्ट ड्रॉ पर खत्म हुआ। इस मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए श्रीलंकाई टीम ने 230 रन बनाए थे। इस टारगेट का पीछा करते हुए टीम इंडिया भी इतने की स्कोर पर ऑलआउट गई। वनडे क्रिकेट में सबसे ज्यादा टाई मैच खेलने के मामले में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को पीछे छोड़ दिया है। यह इस फॉर्मेट में उनका 10वां टाई मैच था, जिससे वे वेस्टइंडीज के बाद दूसरे स्थान पर आ गए हैं। दोनों टीमों के बीच टाई पर मैच खत्म होने के बाद भी इस मैच में सुपर ओवर का आयोजन नहीं किया गया। ऐसे में आइए जानते हैं कि ऐसा क्यों नहीं किया गया।

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क्यों नहीं हुआ सुपर ओवर?

भारत और श्रीलंका के बीच खेले गए मुकाबले में सुपर ओवर न होने के पीछे के कारण के बारे में हर कोई जानना चाह रहा है, तो आइए इसके बारे में हम आपको पूरी जानकारी देते हैं। दरअसल कोई भी मुकाबला अगर टाई पर खत्म होता है तो, उस मुकाबले में रिजल्ट किसी एक टीम के पक्ष में करने के लिए सुपर ओवर का आयोजन किया जाता है। ऐसा ही कुछ पिछले टी20 मुकाबले में देखने को मिला था। जब भारत और श्रीलंका के बीच तीसरा टी20 मैच टाई हो गया था और टीम इंडिया ने फिर सुपर ओवर में उस मुकाबले को अपने नाम किया था, लेकिन वनडे मैच के बाद ऐसा देखने को नहीं मिला। दरअसल इसके पीछे का कारण यह है कि किसी भी द्विपक्षीय वनडे सीरीज में सुपर ओवर का आयोजन नहीं किया जाएगा।

वनडे क्रिकेट में सबसे ज्यादा टाई हुए मैच

वेस्टइंडीज: 11
भारत: 10
ऑस्ट्रेलिया: 9
इंग्लैंड: 9
पाकिस्तान: 9
जिम्बाब्वे: 8

सुपर ओवर का इतिहास

सुपर ओवर का पहली बार इस्तेमाल 2008 में टी20 में किया गया था, जिसने पहले टाई मैच के रिजल्ट के लिए इस्तेमाल की जाने वाली बाउल आउट नियम की जगह ली थी। सुपर ओवर को 2011 क्रिकेट विश्व कप में एक में पेश किया गया था, लेकिन इसकी आवश्यकता नहीं थी। अगले विश्व कप के लिए, एक सुपर ओवर केवल टाई की स्थिति में फाइनल का फैसला करेगा। अन्य नॉकआउट चरण के मैचों में टाई पिछले नियम पर लौट आई जहां बेहतर ग्रुप स्टेज प्रदर्शन वाली टीम आगे बढ़ेगी। लेकिन आईसीसी ने साल 2017 में अपने नियमों में बदलाव किए और फाइनल के साथ-साथ नॉकआउट मैचों में भी सुपर ओवर को जोड़ दिया। ऐसे में वनडे के किसी बड़े टूर्नामेंट के दौरान नॉकआउट मैच और फाइनल में ही सुपर ओवर खेले जाते हैं।