111 साल बाद नया खुलासा: टाइटैनिक के लापता यात्रियों का क्या हुआ? नई तस्वीरो से खुला राज

टाइटैनिक (Titanic) जहाज के लापता यात्रियों का क्या हुआ? इस सवाल का जवाब आज तक कोई नहीं खोज सका. यह रहस्य सालों से बरकरार हैं। जैसा कि हम सभी जानते हैं। 14 अप्रैल, 1912 को उस टाइटैनिक जहाज के डूबने के बाद उस पर सवार ज्यादातर लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी। लेकिन, मरने वालों में से अधिकांश के शवों का कभी पता नहीं चला। बीच बीच में कई अभियान चलाए गए। डेलीमेल ने इस संबंध में एक विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित की है। साथ ही, उस भयानक और दर्दनाक हादसे की कुछ तस्वीरें भी प्रकाशित की हैं।

ये तस्वीरें हादसे की भयावह कहानी कहती हैं। तस्वीरों में कई निशानियां अब भी देखी जा सकती हैं। कहीं जूते बिखरे पड़े हैं तो कहीं जहाज का मलबा नजर आता हैं। हादसाग्रस्त टाइटैनिक जहाज के नए डिजिटल स्कैन में भीषण तबाही की भयावहता को महसूस किया जा सकता है। उस जहाज पर 2,224 लोग सवार थे। ऐसा माना जाता हैं कि, हिमखंड से टकराने के बाद हुई दुर्घटना में 1,517 यात्री दुखद रूप से मारे गए थे। समुद्री पुरातत्वविद् और इतिहासकार जेम्स डेलगाडो का कहना है कि घटना स्थल के पास अब भी ‘मानव अवशेषों के कुछ अंश’ हो सकते हैं।

डेलगाडो के मुताबिक 15 अप्रैल को हिमखंड से टकराने के तीन घंटे से भी कम समय में जहाज डूब गया। लाइफ जैकेट के साथ करीब 340 शव समुद्र की सतह पर देखे गए लेकिन 1,160 शव कभी नहीं देखे गए। इससे पहले साल 2000 और 2010 में टाइटैनिक के अवशेषों तक पहुंचने के लिए दो अभियान चलाए गए लेकिन सफलता नहीं मिल सकी।

डेलगाडो कहते हैं। दुर्घटना के बाद की जो तस्वीरें सामने आई हैं। वे बहुत ही भावुक करने वाली हैं। हालांकि, हादसे के 111 सालों के बाद अभी तक कोई मानव अवशेष नहीं मिला है। हॉलीवुड फिल्ममेकर जेम्स कैमरन ने 1997 में एक ब्लॉकबस्टर फिल्म भी बनाई थी। टाइटैनिक के डूबने की कहानी को दर्शाना आसान नहीं था। लेकिन, वह दिल दहला देने वाला था। कैमरन ने न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया था कि, उन्होंने हादसे में मारे गये लोगों के कपड़े देखे थे, जूते देखे थे। जूतों के जोड़े देखे थे। लेकिन, कभी किसी इंसान का शरीर नहीं देखा।

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टाइटैनिक का मलबा अटलांटिक के तल में करीब 13,000 फीट की गहराई में है। सौ साल बाद इतनी गहराई में मानव शरीर के अवशेष मिलना नामुमकिन है। आयरलैंड में अटलांटिक टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी स्लाइगो के एक फोरेंसिक वैज्ञानिक प्रोफेसर जॉन कैसेला का कहना हैं कि, खारे पानी में हड्डी जल्दी खराब हो जाती है। हालांकि उनका कहना था कि ऐसी मानव हड्डियां हो सकती हैं जो 100 साल बाद भी जहाज के मलबों के बीच फंसी रह गई होगी। वैसे डूबने के 73 साल बाद सितंबर 1985 तक टाइटैनिक का मलबा नहीं मिला था।