रायपुर. छत्तीसगढ़ विधानसभा बजट सत्र तीसरा दिन है। सदन में कार्यवाही चल रही हैं। बृजमोहन अग्रवाल ने प्रश्नकाल के दौरान मंत्री और सत्ता पक्ष के विधायको की रोका टोकी और उद्योग मंत्री की मौजूदगी में दूसरे मंत्री के जवाब दिये जाने पर विधानसभा उपाध्यक्ष से व्यवस्था का आग्रह किया। विधायक शिवरतन शर्मा और अजय चंद्राकर ने भी समर्थन किया। बीजेपी विधायको ने व्यवस्था का प्रश्न उठाया।
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा- आपकी व्यवस्था आनी चाहिए कि जो विभागीय मंत्री मौजूद है क्या उनकी उपस्थिति में दूसरा मंत्री जवाब दे सकता है। संसदीय इतिहास में कभी ऐसा नही हुआ। प्रश्नकाल के दौरान मंत्री विधायक डिस्टर्बेंस करते है। विपक्ष के अधिकारो का हनन हो रहा है। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा- सदन के वरिष्ठ सदस्य ने व्यवस्था का प्रश्न उठाया है। छग विधानसभा की पूरी गरीमा का सब स्वागत करते है। दुर्भाग्य है कि यहां की गरिमा को सुनियोजित तरीके से गिराया जा रहा। सदन को वरिष्ठ मंत्रियों ने प्रश्नकाल के दौरान बाधित करने का काम किया। विधानसभा उपाध्यक्ष ने कहा- पूर्ववर्ती व्यवस्था को देखकर व्यवस्था दूंगा। बीजेपी विधायको के व्यवस्था के प्रश्न पर सदन में हंगामा। मंत्री अमरजीत भगत ने कहा- कल से आसंदी के ऊपर प्रश्नचिन्ह खड़ा किया जा रहा। विधानसभा उपाध्यक्ष ने फिर कहा- बाद में मैं व्यवस्था दूंगा।
बसपा विधायक केशव चंद्रा ने बोलने नही दिये जाने पर नाराजगी जताई।केशव चंद्रा ने कहा- पूरी छग की जवाबदारी 4 लोग ले रखे है। इसी बीच बृजमोहन अग्रवाल ने कहा रविंद्र चौबे ने कल कहा था की विपक्ष सदन में जानवरों जैसा आवाज निकाल रहे है। क्या इस सदन में जो बैठे उन्हें रैबिश का इंजेक्शन लगता है? यह खाली हमारा अपमान नही है।
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि अध्यक्ष को डाटा गया है इसलिए वह अपनी चेयर पर नहीं बैठ रहे है। एक बार फिर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच हंगामे के साथ तीखी बहस हुई। अमरजीत भगत ने कहा- लगातार विपक्ष के विधायक आसंदी पर उंगली उठा रहे, उन्हे चुनौती दी जा रही है। आसंदी -असंसदीय टिपाणियो को विलोपित करने का प्रावधान है। नारायण चंदेल ने कहा – कल मुख्यमंत्री ने अपने उत्तर में असिमित भाषा का उपयोग किया है तो उसे विलोपित की जाए।
बृहसपद सिंह ने कहा – आदिवासियों का अपमान करने वाले लोग है विपक्ष के विधायक। 90 लोग सदन में केवल 4 लोगों ठेका ले रखा है क्या? दोनो पक्षों में हुए हंगामे के बीच मंत्री रविंद्र चौबे का व्यक्तव्य। रविंद्र चौबे ने कहा -18 साल हम भी प्रतिपक्ष में रहे है। दिनों पक्षों की जवाबदारी है। आप आसंदी में बैठे है शब्दों की मर्यादा क्या केवल हमारे लिए है यह सभी की जवाबदारी है। हर पश्न क्या केवल आप करेंगे हम सुनेगे हम सुन भी रहे है। सरकार जवाब देने के लिए भी तैयार है। शब्दों की गरिमा और समय की मर्यादा आपको भी रखनी चाहिए केवल आरोप लगाकर और नारेबाजी करने से आप प्रतिपक्ष को जीवित रखना चाहते है तो यह गलत हैं। आप कम से कम अपने शब्दो का तो ख्याल करे।