हार्वर्ड विश्वविद्यालय की एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, जिनके पास पालतू कुत्ते होते हैं, उनका रक्तचाप कम और कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी नियमित रहता है। उनमें मोटापा और अवसाद होने की संभावना भी कम होती है।
हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष एवं आईएमए के ऑनरेरी सेक्रेटरी जनरल डॉ. के.के. अग्रवाल ने बताया, ‘इस बारे में कई शोध सामने आ चुके हैं, जिनसे पता चलता है कि जिन लोगों के पास पालतू कुत्ता होता है, उनमें कोलेस्ट्रॉल और टरिगलीस्राइड का स्तर कम होता है।’
उन्होंने कहा कि यह हाईपरटेंशन और मोटापे के खतरे को भी कम करता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि कुत्ता होने से शारीरिक गतिविधि बढ़ती है और तनाव कम करने में मदद मिलती है। यह घर पर सकारात्मक माहौल बनाता है और खुशियां बढ़ाने में मदद करता है।
डॉ. अग्रवाल ने कहा, ‘कुत्ते को रोज सैर करवाने से आपको भी धूप में जाने का मौका मिलता है, जिससे आपका शरीर उचित मात्रा में विटामिन-डी सोख लेता है, जो कि सेहतमंद दिल के लिए बेहद जरूरी है।’
उन्होंने बताया कि नियमित तौर पर कुत्ते के साथ खेलने और उसका ख्याल रखने ये आपका रक्तचाप संतुलित रहता है और तनावमुक्त करने वाले हार्मोन ऑक्सीटोसिन निकलते हैं, जिससे तनाव पैदा करने वाला हार्मोन कोर्टिसोल कम होता है।
डॉ. अग्रवाल के मुताबिक, ‘जानवर बहुत अधिक देखभाल और प्यार की मांग करते हैं। उनकी सेहत का भी खूब ध्यान रखना पड़ता है, जिसके बदले आपकी सेहत भी अच्छी रहती है। अगर आप इसके लिए तैयार हैं तो फिर आपको इन्हें रखने में कोई बाधा नहीं आएगी।’
उन्होंने स्पष्ट किया कि पालतू जानवर रखने और दिल की बीमारियां कम होने में कोई सीधा संबंध नहीं है, लेकिन यह एक समुचित नजरिया है जो एक अच्छी जीवनशैली अपनाने और दिल की अच्छी सेहत बनाने में मदद कर सकता है।
जो लोग कुत्ता या बिल्ली पालते हैं, उनके लिए वे सिर्फ पालतू जानवर नहीं होते, बल्कि उनके दोस्त होते हैं। ऐसा दोस्त जिसके साथ आप अपने दुख व खुशियां बांट सकते हैं। अगर आपके पास एक प्यारा सा कुत्ता हो तो वह आपके अकेलापन, अवसाद या तनाव को कम करता है और सकारात्मक जिंदगी जीने में मददगार साबित होता है।