अर्पिता मुखर्जी के घर से अब तक 50 करोड़ कैश और 5 किलो सोना बरामद, ED को टॉयलेट में भी मिला खजाना



नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल के मशहूर शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों को उत्तर 24 परगना में अर्पिता मुखर्जी के बेलघोरिया फ्लैट से 5 किलो सोने के अलावा 28 करोड़ रुपये की नकदी मिले हैं। गुरुवार सुबह चार बजे तक नोटों की गिनती जारी रही। जांच एजेंसी ने कहा कि परिसर से बरामद कुल नकदी अब लगभग 50 करोड़ हो चुकी है। अधिकारियों ने कहा कि शौचालय से भारी मात्रा में पैसा बरामद किया गया है।

ईडी के अधिकारियों ने अर्पिता मुखर्जी के बेलघोरिया फ्लैट पर बुधवार सुबह तक यानी करीब 18 घंटे तक छापेमारी की। इससे पहले बुधवार को बेलघोरिया में दो फ्लैटों पर पूछताछ के बाद छापेमारी की गई थी। एक में करीब 22 करोड़ रुपये कैश और सोना मिला। रिपोर्टों में कहा गया है कि अर्पिता मुखर्जी ने दावा किया कि पार्थ चटर्जी ने उनके घर को “मिनी बैंक” के रूप में इस्तेमाल किया।

समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा साझा की गई तस्वीरों में ईडी के अधिकारियों ने तृणमूल कांग्रेस नेता और बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी के करीबी सहयोगी मुखर्जी के आवास से बरामद नकदी और आभूषणों से भरी लगभग 10 ट्रंक के साथ ट्रक को लोड किया। ममता बनर्जी के मंत्री को हाल ही में ईडी ने गिरफ्तार किया था।

ईडी के एक अधिकारी ने बताया कि इस बार उत्तर कोलकाता के बेलघरिया स्थित फ्लैट से नकदी मिली है जिसकी मालकिन मुखर्जी हैं। रथाला इलाके में अर्पिता के दो फ्लैट को ताला तोड़कर खोला गया क्योंकि उनकी चाबी नहीं थी। उन्होंने बताया, हमें हाउसिंग कॉम्प्लेक्स में दो में से एक फ्लैट में बड़ी मात्रा में नकदी मिली है। उन्होंने बताया कि फ्लैटों की तलाशी के दौरान कई अहम दस्तावेज भी बरामद हुए हैं। ईडी ने फ्लैट को सील कर दिया है। जांच एजेंसी ने पार्थ के सहयोगी और व्यवसायी मनोज जैन के बल्लीगंज स्थित आवास पर भी तलाशी ली है।

मुखर्जी ने पूछताछ के दौरान ईडी को कोलकाता के आसपास की अपनी संपत्ति की जानकारी दी थी। अधिकारी ने बताया कि बुधवार सुबह से ही इन संपत्तियों पर छापेमारी की कार्रवाई की जा रही है। मंत्री और मुखर्जी से पूछताछ के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मुखर्जी जांच में सहयोग कर रही हैं, लेकिन मंत्री का रवैया असहयोगात्मक है।

आपको बता दें कि कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देश पर सीबीआई सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में समूह ‘ग’ और ‘घ’ वर्ग के कर्मचारियों और शिक्षकों की भर्ती में हुई कथित अनियमितता की जांच कर रही है। वहीं, ईडी घोटाले में धनशोधन की जांच कर रहा है। उल्लेखनीय है कि जिस समय यह कथित घोटाला हुआ, उस समय पार्थ चटर्जी राज्य के शिक्षामंत्री थे।