रायपुर. छत्तीसगढ़ राज्य विधानसभा में आज जनप्रतिनिधियों के वेतन भत्ते में वृद्धि का प्रस्ताव आज पास हो गया है. सत्ता पक्ष व विपक्ष की सहमति से वेतन भत्ते से सम्बंधित चार विधेयक पास हुए है. वही दूसरी ओर प्रदेश में लगभग 75 कर्मचारी संगठनों ने अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन के बैनर तले महंगाई भत्ता और नए वेतनमान पर गृह भत्ते की मांग करते हुए मोर्चा खोल दिया है. प्रदेश में मौजूदा हालात तो यह है कि शासकीय कामकाज व सरकारी स्कूलों में पढ़ाई ठप्प हो गयी है. प्रदेश भर के शासकीय अधिकारी-कर्मचारी 25 से 29 जुलाई तक हड़ताल पर है.
दरअसल अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन के प्रदेशव्यापी आव्हान पर कल से अपनी 2 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल में है. शासकीय कामकाज ठप्प पड़े है और विधानसभा में आज जनप्रतिनिधियों के वेतन भत्ते से सम्बंधित चार विधेयक पास हो गए. हालांकि सदन में पास हुए विधेयक के सम्बंध में अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन की ओर से किसी प्रकार की प्रतिक्रिया नही आयी है. वैसे कल विपक्ष सदन में अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन के समर्थन में सदन में नजर आया था, लेकिन आज विपक्ष ने चुप्पी साध ली है. जिसके बाद अब ऐसा प्रतीत होता है कि अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन को अपनी 2 सूत्रीय मांगों को मनवाने का बीड़ा खुद ही उठाना पड़ेगा या फिर हो सकता है. हड़ताल की मियाद बढ़ाई जाए!
सदन में विधेयक के पास होने से अब सीधे-सीधे मुख्यमंत्री से लेकर विधायक स्तर तक के जनप्रतिनिधियों की वेतन में निम्न प्रकार की वृद्धि हुई है.
मुख्यमंत्री :- 105000 से बढ़ कर 205000
मंत्री :- 130000 से बढ़कर 190000
संसदीय सचिव :- 121000 से बढ़कर 175000
विधानसभा अध्यक्ष :- 132000 से बढ़कर 195000
विधानसभा उपाध्यक्ष :- 128000 से बढ़कर 180000
नेता प्रतिपक्ष :- 130000 से बढ़ कर 190000
विधायक :- 95000 से बढा 160000 तक हो जाएगा.
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