रायपुर: हेलो! डायल-112 से बोल रहे हैं? तत्काल टाटीबंध पहुंचे, मारपीट हो रही है। सूचना पर पुलिस टीम भागकर टाटीबंध पहुंची। वहां ऐसा कुछ नहीं था। दिनभर में अलग-अलग थानों के अलग-अलग स्थानों पर मारपीट, अपहरण, आगजनी जैसी सूचना के फर्जी निकलने से पुलिस वाले परेशान हो गए थे। डायल-112 में इसकी फर्जी सूचना पर आधा दर्जन थानों के पुलिसवाले परेशान हुए। एक बार तो एक ही दिन में इसने एक ही मोबाइल नंबर से कई-कई बार फोन कर फर्जी सूचनाएं दीं। ‘पानी सिर से ऊपर जाते देख” डायल-112 से इस मोबाइल का लोकेशन निकाला गया। लोकेशन के आधार पर पुलिस ने इसे पकड़ लिया। आरोपित जिम में प्रशिक्षण देने का काम करता है। पुलिस ने पूछा- ऐसा क्यों किया? आरोपित बोला- मजे लेने के लिए!
बीते तीन-चार दिनों में डायल-112 में एक ही मोबाइल नंबर से लगातार आपराधिक घटनाओं से जुड़ी जानकारी मिल रही थी। फोन पर बताए गए सभी स्थानों पर पुलिस पहुंची। वहां किसी तरह की ऐसी घटना होने की जानकारी नहीं मिली। पुलिस ने जब उक्त नंबर पर पलटकर फोन लगाया तब फोन उठाया ही नहीं गया। अंतत: टीम वापस लौट गई। लगातार ऐसी फर्जी सूचनाओं की बाढ़ के बाद जब पुलिस ने मोबाइल नंबर जांचे तब एक ही नंबर से फर्जी फोन आने की जानकारी सामने आई। इसके बाद पुलिस ने रविवार को आरोपित मिराज अंसारी को गिरफ्तार कर लिया। आरोपित उरला के जागृति नगर का रहने वाला है।
पुलिस ने बताया कि डायल-112 में हर दिन दो से तीन फेक काल आते हैं। हर सूचना पर स्थानीय थाने की पेट्रोलिंग टीम को बताए गए घटनास्थल पर भेजा जाता है। फर्जी सूचना से पुलिस का समय व्यर्थ होता है। चूंकि डायल-112 की मानिटरिंग सीधे उच्चाधिकारियों के द्वारा की जाती है, इसलिए न तो डायल-112 की टीम, और न ही इनकी सूचना पर थानों की पेट्रोलिंग टीम लापरवाही करती है। अधिकारियों ने कहा कि ऐसा करने वाले सतर्क रहें। अधिकारी बोले-पुलिस के साथ छेड़खानी महंगी पड़ सकती है।