रायपुर। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के दौरान बिना अनुमति सीमावर्ती राज्यों से छत्तीसगढ़ में धान आयात करने पर पूर्णतः प्रतिबंध लगा दिया गया है। खाद्य विभाग द्वारा जारी आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के द्वौरान 1900 रूपए प्रति क्विंटल से अधिक कीमत का धान अन्य राज्यों से आयात के लिए संचालक खाद्य से अनुमति लेना आवश्यक नहीं है, किन्तु आयातक को इस किस्म के धान आयात करने की सूचना संबंधित जिले के खाद्य नियंत्रक या खाद्य अधिकारी को देना होगा।
खाद्य विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि धान उपार्जन अवधि के दौरान सीमावर्ती राज्यों से धान लाकर राज्य के उपार्जन केन्द्रों में समर्थन मूल्य पर बेचने की आशंका बनी रहती है। इसलिए धान खरीदी केन्द्रों में अन्य राज्यों के अवैध धान की आवक एवं बिक्री को रोकने के लिए राज्य शासन द्वारा अन्य राज्यों से बिना अनुमति के धान आयात पर प्रतिबंध लगाया गया है। कोई भी राइस मिलर अथवा धान के व्यापारी, कमीशन एजेंट, आगामी आदेश तक अन्य राज्यों से धान लाने के लिए पूर्व अनुमति हेतु संबंधित जिले के कलेक्टर अथवा सीधे संचालक खाद्य को आवेदन प्रस्तुत किया जाएगा। आवेदन पत्र में राइस मिलर, व्यापारी द्वारा धान विक्रयकर्ता फर्म, व्यक्ति का नाम, उसका पूरा पता, परिवहन, आयात की जाने वाली धान की किस्म एवं प्रति क्विंटल मूल्य संबंधी जानकारी के साथ-साथ, आयात किए जाने वाले धान जिस स्थान पर क्रय उपरांत भंडारित होगा उसकी जानकारी देना अनिवार्य है। आवेदक द्वारा आयात किए जाने वाले धान को सड़क अथवा रेल मार्ग से मंगाया जाएगा। उस मार्ग के विपणन की जानकारी भी आवेदन में देना होगा ताकि रेलवे एवं परिवहन विभाग को इस संबंध में आवश्यक जानकारी दी जा सके। आवेदन पर संचालक खाद्य द्वारा परीक्षण कर कार्रवाई की जाएगी और अनुमति जारी होने के उपरान्त ही आवेदक द्वारा धान का आयात किया जा सकेगा।
खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा राज्य के सभी कलेक्टरों को राज्य में धान के आयात के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किया गया है, जिसमें संबंधित जिले में संचालित राइस मिलों के धान एवं चावल के स्टाॅक का सत्यापन 20 नवंबर 2020 की स्थिति में अनिवार्य रूप से कराने को कहा गया है। इस स्टाक की जानकारी राइस मिलों द्वारा मिलर्स माडयूल में अनिवार्य रूप से दर्ज करने तथा आयात किए जाने वाले धान तथा इससे निर्मित होने वाले चावल की साप्ताहिक अद्यतन जानकारी वेबसाइट में अनिवार्य रूप से दर्ज करने को कहा गया है। राज्य शासन द्वारा सभी जिला कलेक्टरों को उक्त निर्देशों का कड़ाई से पालन कराने को कहा गया है।