फ़टाफ़ट डेस्क..(कृष्णमोहन कुमार)..प्रदेश में कांग्रेस सरकार के अस्तित्व में आते ही..मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ के चार चिन्हारी नरवा, घुरुवा,गरुवा, बाड़ी की शुरुआत की थी..और सरकार के मंशानुरूप प्रदेश में इस महत्वाकांक्षी योजना पर बड़े पैमाने में काम किया जा रहा है..वही इस योजना पर जांजगीर -चाम्पा जिले में फंड का ग्रहण लग गया है..और मुख्यमंत्री की इस महती योजना का काम बन्द है..यही नही गांव के पशु गौठान के अभाव में सड़कों पर विचरण कर रहे है.. तथा दुर्घटना के शिकार हो रहे है…
जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री भुपेश बघेल के इस ड्रीम प्रोजेक्ट पर समूचे प्रदेश में क्रियान्वयन किया जा रहा है..मगर विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत के गृह जिले में इस योजना का ना केवल मजाक उड़ाया गया बल्कि गौठान के नामपर फंड भी नही दिए जा रहे है..ग्राम पंचायत अमरताल के ग्रामीणों का कहना है कि..वे मुख्यमंत्री की इस मुहिम से खुश तो है..लेकिन सरकारी अधिकारियों की अनदेखी से वे नाराज है..क्योंकि गांव में गौठान बनाने के नाम प्रशासनिक लापरवाही की जा रही है..
ग्रामीणों का आरोप है कि वे शासन के निर्णय से खुश थे..लेकिन अधिकारी लेकिन फंड की कमी ने सबकी खुशी पर पानी फेर दिया..पहले तो सचिव रामायण यादव ने गौठान का निर्माण बाजार से उधार लेकर कराया.. और अब फंड के अभाव में काम बंद है..
वही इस पूरे मामले में जिला पंचायत सीईओ तीर्थराज अग्रवाल का कहना है कि..शासन की इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए फंड की कमी नही होने दी जाएगी..यही नही काम शुरू करने के लिए सब इंजीनियर को निर्देशित किया गया है..इसके अलावा मनरेगा और चौदहवें वित्त की राशि खर्च करने की अनुमति दी गई है..