- 22 दिनो से शहर के खंभो मे लगे सीएफएल से दिन रात रोशन हो रहा शहर
- लोक सुराज के दौरान 1 मई को मुख्यमंत्री ने बलरामपुर मे किया था रात्रि विश्राम
बलरामपुर (कृष्ण मोहन कुमार) कोई तरस रहा उजियारे को कोई सूरज बांधे सोता है इस देशी कहावत को उन शहरी अधिकारियो ने चरितार्थ कर दिया है, जिनको किसी प्रकार बर्बादी से कोई मतलब नही है। दरअसल लोक सुराज अभियान के तहत 1 मई को प्रदेश के मुख्यमंत्री जिला मुख्यालय में एक दिवसीय प्रवास पर पहुँचे थे । इससे पूर्व स्थानीय प्रशासन ने नगर को दुल्हन की तरह सजाने में कोई कोर कसर नही छोड़ी थी । यही नही शहर के मुख्यमार्ग पर स्थित लगभग दर्जन भर से अधिक विद्युत पोलो में रौशनी के लिए सीएफएल बल्ब लगाए गए थे, लेकिन सीएम के जाने के बाद आगे पाठ पीछे सपाट का सिस्टम लागू हो चला है । विद्युत पोलो की शोभा बढ़ा रहे सीएफएल बल्ब किसकी लापरवाही से दिन और रात में जल रहे है,तथा सीएफएल बल्ब से हो बिजली की खपत का भुगतान कौन करेगा यह समझ से परे है।
गौरतलब है लोक सुराज अभियान में विकास कार्यो की बैठक समीक्षा बैठक लेने पहुँचे मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह को जिले में विकास की बिसात दिखाने के उद्देश्य से जिला प्रशासन ने भारी तामझाम किया था,और इसी कड़ी में शहर के मुख्यमार्ग गौरवपथ के दोनों ओर विद्युत विभाग तथा नगर पालिका परिषद के सौजन्य से विद्युत पोलो पर सीएफएल बल्ब लगाया गया था । लेकिन सीएम के जाने के बाद भी उक्त विद्युत पोलो पर लगे बल्ब दिन और रात जल रहे है, और उससे खपत हो रही बिजली का भुगतान किस पैमाने पर किया जाएगा तथा कौन करेगा इसका जवाब जिम्मेदारों की पास भी नही है।
जिला पंचायत का भी यही हाल,…
वही मुख्यालय में प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री का शासकीय दफ्तरों के निरीक्षण का कार्यक्रम भी तय था,जिसे देखते हुए कलेक्ट्रेट और जिला पंचायत कार्यालय भवन को भी रंग रोगन कर सजाया गया था,और जिला पंचायत सभागार भवन के बाहर तथा कलेक्ट्रेट भवन के पीछे हाई वाट के हेलोजन लगाए गए है,वह भी दिन और रात जलते रहते है,जिसकी ओर ध्यान देने वाला कोई नही है,ऐसा प्रतीत होता है,जबकि रोजाना कार्यालय भवन में दर्जनभर से अधिक अधिकारी कर्मचारी बैठ कर अपने कर्तव्यो का निर्वहन करते है,बावजूद इसके विद्युत की बचत करने को लेकर जागरूकता की कमी नजर आती है।
बिजली बचत की मुहिम…अधर में…
वही एक ओर सरकार द्वारा बिजली बचत की मुहिम समय -समय पर चलाई जाती है,जिसका क्रियान्वयन विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा किया जाता है, लेकिन फिजूल विद्युत की खपत को लेकर विभाग कोई कारगर कार्यवाही क्यो नही करता यह समझ से परे है।