गलती नहीं की तो कैमरा देख क्यों भाग रहे साहब..ITI छात्रों का एडमीशन निरस्त होने का मामला

 

अंबिकापुर ITI कालेज प्रबंधन की बड़ी लापरवाही उजागर हुई है.. यहाँ प्रबंधन ने पहले तो छात्रो को एडमिशन देकर उनके वर्ष ख़राब किये.. और अब छात्रो को कहा जा रहा है की उनका एडमीशन निरस्त कर दिया गया… प्रबधन उक्त छात्रो को उनकी अंक सूची अपात्र पाए जाने का हवाला देते हुए एडमीशन से वंचित करने की बात कर रहा है.. वही इतनी बड़ी लापरवाही का जवाब ITI कालेज से जब मीडिया ने माँगा तो वो मीडिया को बड़ी बड़ी नसीहते देने लगे साहब ने कहा की मै आपसे कोई बात नहीं करना चाहता हूँ.. इतना ही नहीं साहब ने मीडिया को बाहर जाने की भी सलाह दे डाली..

अंबिकापुर के ITI कालेज में लापरवाही की सीमाए पार कर दी गई है.. छात्रो को पहले एडमीशन दिया गया.. कुछ वर्ष पढ़ाई कराई गई लेकिन अचानक ही तुगलकी फरमान जारी किया गया की इनकी अंक सूची अमान्य है और इनका एडमीशन निरस्त किया जा रहा है..

इधर छात्रो ने इसका विरोध शुरू कर दिया है छात्रो का कहना है की जब हमारी अंक सूची पात्र नहीं थी तो एडमीशन देते समय क्यों नहीं बताया गया.. एडमीशन देकर उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया है.. लिहाजा इस मामले की शिकायत सरगुजा कलेक्टर से की गई और कलेक्टर ने मामले की जांच के बाद कार्यवाही का अस्वासन भी दिया है..

कालेज के प्राचार्य व संयुक्त संचालक पी एन सिन्हा से जब हमने मामले की सच्चाई जाननी चाही तो उन्होंने मीडिया को ही बाहर का रास्ता दिखा दिया.. साहब ने कहा जब मै आपको कोई स्टेटमेंट देना ही नहीं चाहता हूँ तो आप को क्या बताऊ.. साहब कैमरा देखकर जैसे बौखला से  गए थे.. ऐसे भाग रहे थे जैसे उन्होंने कोई बड़ा गुनाह कर दिया है लेकिन यह भी कह रहे है की गलती छात्रो की है जो उन्होंने एडमीशन लिया.. बहरहाल भागते हुए प्राचार्य महोदय ने यह भी कह दिया की जो भी दोषी होगा उस पर कार्यवाही की जायेगी..

बहरहाल इस कालेज में मचे घमासान को देख कर अंधेर नगरी चौपट राजा की कहावत चरितार्थ होती दिख रही है.. जिम्मेदार कहते है की गलती छात्रो की है जो उन्होंने एडमीशन लिया.. हमारा सवाल इनसे यह है की साहब अगर ये छात्र इतने ही समझदार होते की उन्हें यह पता होता की आपके कार्यालय के क्या पात्र है और क्या अपात्र है..? तो जनाब ये आपके कालेज में शिक्षा लेने ही क्यों आते किसी ITI कालेज में नौकरी कर रहे होते…