रायगढ: जिले में अत्यधिक बारिश तथा महानदी के जल स्तर से उफान की वजह से जिले के पुसौर, सारंगढ तथा बरमकेला ब्लाक के कई गांव बाढ की चपेट में आ गए है। इन गांवों में ग्रामीणों को सुरक्षित बाहर निकालने तथा उन्हें राहत शिविरों में पहुंचाने का काम शुरू कर दिया गया है। कलेक्टर मुकेश बंसल के मार्गदर्शन में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों की टीम स्थिति पर पूरी तरह से निगरानी रख रही है। राहत एवं बचाव दल व पुलिस के जवान बाढ प्रभावित गांवों में लोगों की मदद में जुटे हुए है। बाढ प्रभावित गांवों के लगभग पांच हजार लोगों को सुरक्षित तरीके से राहत शिविर में पहुंचा दिया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार परसरामपुर, कोर्रा, पोरथ, तोरा, ठेंगागुडी, रानीडीह, बोईरडीह में पानी घुसने से बाढ की स्थिति निर्मित हुई है और जनजीवन प्रभावित हुआ है। परसापाली, चंघोरी गांव चारों ओर से पानी से घिर गया है। इसी तरह खपरापाली, रायपाली, नवापारा में महानदी का पानी घुसने की वजह से बाढ की स्थिति निर्मित हो गई है। सरिया-बरमकेला से सूरजगढ पुल का संपर्क कट गया है। सूरजगढ गांव बाढ से पूरी तरह प्रभावित हुआ है। यहां के 123 घर बाढ के कारण जलमग्न हो गए है। राहत एवं बचाव दल मोटर वोट एवं अन्य राहत सामग्री के साथ बचाव कार्य में जुटी है।
इसके तहत सारंगढ तहसील के ग्राम टिमरलगा, हिछा, घोठला, धुता, भदरा, पासीद, जशपुर, बडे गन्तुली, बरभाठा में 09 राहत शिविर तथा सरिया क्षेत्रान्तर्गत सरिया, पंचधार, डभरा एवं साल्हेओना ग्राम में 04 राहत शिविर और विकास खण्ड पुसौर के 04 ग्रामों में राहत शिविर लगाए गए है। इनमें विकास खण्ड सारंगढ के 09 राहत शिविरों में 691 बाढ प्रभावित लोग, विकास खण्ड बरमकेला अंतर्गत सरिया क्षेत्र के 04 राहत शिविरों में 1 हजार 95 बाढ प्रभावित लोग तथा विकास खण्ड पुसौर अंतर्गत 04 राहत शिविरों में 3 हजार 118 बाढ प्रभावित लोगों को सुरक्षित ढंग से ठहराया गया है।