स्पोर्ट्स डेस्क. कोरोना वायरस की वजह से इस साल इंडियन प्रीमियर लीग के 13वें सीजन पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. हालांकि इसी बीच न्यूजीलैंड के पूर्व ऑलराउंडर स्कॉट स्टायरिस ने बताया है कि क्यों हमेशा धोनी आखिरी ओवर में दिग्गज गेंदबाज मलिंगा पर भारी पड़ते हैं.
चेन्नई सुपरकिंग्स की टीम आईपीएल के 10 सत्र में भाग लिया है जिसमें से टीम आठ बार फाइनल में पहुंची है जबकि मुंबई की टीम 12 सत्र में से पांच बार फाइनल में पहुंचने में सफल रही है. फाइनल में मुंबई का प्रदर्शन हालांकि अच्छा रहा है जिसने इस खिताब को चार बार जीता है.
स्टायरिश ने कहा, ”यह निरंतरता से जुड़ा है, सीएसके का प्रदर्शन नॉकआउट मैचों में शानदार रहा है. आईपीएल से उम्मीद होती है कि वह भारतीय टीम के लिए खिलाड़ी तैयार करें. इस मामले में सीएसके ने सबसे ज्यादा नए खिलाड़ियों को तैयार किया है. टीम की कोशिश नए खिलाड़ियों को तैयार करने की रहती है.”
उन्होंने कहा, ”आखिरी ओवरों में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज के खिलाफ यह मैच के सर्वश्रेष्ठ फिनिशर के बारे में है. धोनी और मलिंगा के मुकाबले में चेन्नई की टीम के कप्तान भारी पड़े है.”
मांजरेकर ने कहा मुंबई की टीम ज्यादा बेहतर
भारतीय टीम के पूर्व खिलाड़ी संजय मांजरेकर ने का मानना है कि आईपीएल में चेन्नई की टीम सबसे निरंतर रही है लेकिन बाद के सालों में मुंबई इंडियन्स उन पर भरी पड़ी है. मांजरेकर ने कहा, ”जब हम जीतने की प्रतिशत को देखते हैं, जोकि टीमों की सफलता को मापने का अच्छा तरीका है तो यह रिकार्ड चेन्नई के पक्ष में है. बाद के वर्षों में हालांकि मुंबई इंडियन्स ने शानदार वापसी की और ज्यादा मुकाबलों में जीत दर्ज की.”
उन्होंने कहा, ”मुंबई इंडियंस ने चार बार चैम्पियन बनी है जबकि सीएसके ने तीन बार खिताब जीता है. मुंबई की टीम हालांकि दो सत्र अधिक खेली है (चेन्नई को दो सत्रों के लिए प्रतिबंधित किया गया था). जब आप रिकार्ड पर गौर करते हैं, तो मुंबई इंडियन्स एक ऐसी टीम के रूप में उभर रही है, जो पिछले कुछ वर्षों में चेन्नई को चुनौती दे रही है, वे वास्तव में चेन्नई की तुलना में बेहतर टीम रही है.”
पिछली बार मुंबई बनी चैंपियन
2019 के आईपीएल फाइनल में मुंबई और चेन्नई के बीच टक्कर हुई थी. बेहद ही रोमांचक मुकाबले में मुंबई की टीम ने चेन्नई को एक रन से हराकर आईपीएल का फाइनल अपने नाम किया. यह मुंबई इंडियंस की रोहित शर्मा की अगुवाई में चौथी खिताबी जीत थी.