नई दिल्ली
पहले बांग्लादेश के खिलाफ वनडे सिरीज़, फिर घर में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी-20 सिरीज़ में करारी हार और कानपुर वनडे में जीत की दहलीज़ पर पहुँचने के बाद मिली हार। क्या वाक़ई बेहतरीन दांव लगाने के लिए जाने जाने वाले महेंद्र सिंह धोनी अब चूकने लगे हैं या टेस्ट या वनडे टीमों के लिए अलग-अलग कप्तान बनाने की थ्योरी भारतीय टीम को रास नहीं आ रही है?
महेंद्र सिंह धोनी भारत के सबसे सफल कप्तान और मैच फिनिशर के रूप में जाने जाते है, लेकिन अब उनका सितारे की चमक फिकी होती जा रही है।
कई दिग्गज खिलाडिय़ों ने धोनी की कप्तानी पर उठाऐ सवाल:
भारत के पूर्व कप्तान मोहम्मद अज़हरूद्दीन ने भी कहा है कि अगर धोनी अच्छा प्रदर्शन नही करते तो चयनकर्ताओं को सोचना चाहिए। ऐसा ही कुछ भारत के पूर्व आलराउंडर अजित अगरकर का भी मानना है। तो क्या अब समय आ गया है कि वनडे टीम की कमान भी टेस्ट कप्तान विराट कोहली को सौंप दी जाए।
विराट कोहली टेस्ट टीम के कप्तान तो हैं ही, अब समय आ गया है कि उन्हें ही एकदिवसीय क्रिकेट की कमान भी सौंप देनी चाहिए। महेंद्र सिंह धोनी वैसे भी अब अधिक क्रिकेट खेलने वाले नहीं हैं। अब दो प्रारूप में अलग-अलग कप्तान बनाए रखने से कोई लाभ नही हैं।
बल्लेबाज़ी क्रम को लेकर भी खींच-तान:
अजिंक्य रहाणे को नंबर तीन और विराट कोहली को नंबर चार पर खिलाने की धोनी की रणनीति को लेकर, अगर टीम डायरेक्टर रवि शास्त्री यह सोच रहे हैं कि टेस्ट मैच में कोई भी कहीं भी खेल सकता है तो फिर विराट कोहली को क्यों तकलीफ़ हो रही है?
मैगज़ीन सवाल करते हैं कि विराट ने पहले कहा कि रोहित शर्मा टेस्ट में नंबर तीन पर खेलेंगे, फिर उन्हें टीम में बनाए रखने के लिए नंबर पांच पर भेज सकते हैं तो धोनी रहाणे को नंबर तीन पर क्यों नही भेज सकते?
धोनी की कप्तानी को लेकर चर्चा करना अभी जल्दबाज़ी है क्योंकि अगर भारत कानपुर में जीत जाता तो शायद यह सवाल भी नहीं उठता। हालांकि टीम इंडिया के लिए केवल यही एक समस्या नहीं है। वर्तमान में टीम के नंबर एक बल्लेबाज विराट कोहली का भी ऐसा ही हाल है। उनके खराब प्रदर्शन पर प्रशंसक सवाल उठा रहे हैं और कह रहे हैं कि वे जानबूझकर धोनी की कप्तानी में खराब खेल रहे हैं।