मध्य प्रदेश में मुरैना जिले के अंबाह तहसील के बाग का पुरा इलाके में कथित तौर पर कोरोना वैक्सीन दिए जाने के बाद एक 16 वर्षीय लड़का बीमार पड़ गया।अधिकारियों ने रविवार को जांच का आदेश दिया है। एक वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि जांच से पता चलेगा कि किशोरी को वैक्सीन कैसे दी गई। सरकार ने अभी तक नाबालिगों के लिए कोई COVID-19 टीकाकरण कार्यक्रम शुरू नहीं किया है।
सूत्रों ने बताया कि कमलेश कुशवाहा के बेटे पिल्लू को शनिवार को मुरैना जिला मुख्यालय से करीब 35 किलोमीटर दूर एक टीकाकरण केंद्र में कोरोना वैक्सीन की खुराक ले ली। इसके बाद नाबालिग का सिर घूमने लगा। उसके मुंह से झाग निकलने लगा। अंबाह के डॉक्टरों ने उसे इलाज के लिए ग्वालियर रेफर कर दिया। पिल्लू के बीमार पड़ने के बाद उसके परिवार ने टीकाकरण केंद्र पर हंगामा खड़ा कर दिया।
मुरैना जिला के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएम एंड एचओ) डॉ एडी शर्मा ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया, “हम जांच कर रहे हैं कि पिल्लू ग्वालियर पहुंचा या नहीं। अपुष्ट खबरों के मुताबिक वह ग्वालियर जाने के बजाय अपने घर लौट आया।” उन्होंने कहा कि आज सुबह पिल्लू के घर एक टीम भेजी गई। उन्होंने कहा, “हम जांच कर रहे हैं कि क्या पिल्लू मिर्गी से पीड़ित था?”
डॉ. शर्मा ने कहा, “यह पता लगाने के लिए जांच का आदेश दिया गया है कि नाबालिग लड़के को कोरोना का शॉट कैसे दिया गया”। डॉ शर्मा ने कहा कि पिल्लू के आधार कार्ड की जांच की जाएगी।
पिल्लू के आधार कार्ड के मुताबिक उसकी उम्र 16 साल है और वह कोक सिंह का पुरा का रहने वाला है। लड़के के परिवार को जानने वाले लोगों ने कहा कि कार्ड पर उसकी जन्मतिथि 1 जनवरी 2005 है।
जैव प्रौद्योगिकी विभाग ने कहा था कि स्वदेशी रूप से विकसित Zydus Cadila की कोरोना वैक्सीन ZyCoV-D, जिसे हाल ही में ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण के लिए मंजूरी मिली थी, को 12 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों को दिया जाएगा।