भोपाल। मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण की दर भले ही घट रही है, लेकिन ब्लैक फंगस की दर लगातार बढ़ती जा रही है। प्रदेश में पिछले 10 दिनों में ब्लैक फंगस के मरीज तेजी से बढ़े हैं। बीते 10 दिनों में ब्लैक फंगस के करीब 477 नए मरीज मिले। अब तक इस बीमारी से 87 लोगों की मौत हो चुकी है।
भोपाल में ब्लैक फंगस से मरने वाले मरीजों की संख्या ज्यादा है। प्रदेश में 31 मई से 9 जून तक 87 मौतें हुईं। इन में से 47 मरीज भोपाल के थे। इंदौर में अब तक सबसे ज्यादा 654 नए मरीज मिले हैं। गौरतलब है कि प्रदेश में ब्लैक फंगस से अब तक कुल 135 लोगों की मौत हो चुकी है। इस बीमारी ने प्रदेश में 1719 लोगों को अपनी चपेट में लिया था। इनमें से 1000 मरीजों का अभी भी इलाज चल रहा है।
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, 583 मरीज पूरी तरह से स्वस्थ हो चुके हैं। बड़वानी, छतरपुर, दमोह, धार, खरगोन और शिवपुर जिले में 1-1 ब्लैक फंगस के मरीज मिले। इंदौर में 654, भोपाल में 462, जबलपुर में 220, उज्जैन में 197, ग्वालियर में 95, सागर में 55, रीवा में 52, देवास में 19, नरसिंहपुर में 8, छिंदवाड़ा में 6, बुरहानपुर-विदिशा में 5, रतलाम में 2, सिवनी में 2 मरीज मिले हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने ब्लैक फंगस के मरीजों को लेकर नए दिशा निर्देश जारी किए हैं। एडवाइजरी में कहा गया है कि ब्लैक फंगस का इलाज शुरू करने के लिए टेस्ट के नतीजों का इंतजार नहीं किया जाए। लक्षण दिखते ही इलाज शुरू कर दिया जाए। ब्लैक फंगस एक इमरजेंसी है। इलाज में युवाओं को प्राथमिकता दी जाए। जिन मरीजो को एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन नही दिया जा सकता है उन मरीजों को पोसाकोनाजोल दिया जाए।
इधर, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने एक बार फिर कोविशील्ड के पहले और दूसरे डोज के बीच का अंतर कम कर दिया है। दूसरे डोज का गैप दो बार बढ़ाया गया, लेकिन इस बार यह गैप घटाया गया है। ये सिर्फ उनके लिए है, जो विदेश यात्रा पर जा रहे हैं। नई गाइडलाइन के बाद अब कुछ श्रेणियों के लिए 84 दिन का इंतजार करने की जरूरत नहीं है। अब 28 दिन के बाद भी कोविशील्ड का दूसरा डोज लगाया जा सकता है। हालांकि, कोवैक्सीन (Covaxin) के लिए दो डोज के बीच का अंतर अभी भी 28 दिन ही है। उसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है।