मध्यप्रदेश को पर्यटन के क्षेत्र मे मिला राष्ट्रीय पुरस्कार

MP Tourism
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मध्यप्रदेश को सर्वोत्तम पर्यटन प्रदेश का राष्ट्रीय पुरस्कार

उत्कृष्ट फिल्म और पर्यटन-स्थल के बेहतर प्रबंधन के लिये भी पुरस्कृत

भोपाल : मंगलवार, फरवरी 18, 2014, 15:19 IST
 

मध्यप्रदेश को सुनियोजित पर्यटन विकास के लिये राष्ट्रीय स्तर पर सर्वोत्तम राज्य का पुरस्कार मिला है। पर्यटन को बढ़ावा देने वाली सर्वोत्तम फिल्म बनाने और पर्यटन-स्थल पचमढ़ी में सर्वोत्कृष्ट नागरिक सुविधा प्रबंधन के लिये भी मध्यप्रदेश को पुरस्कृत किया गया है।

केन्द्रीय मानव संसाधन राज्य मंत्री डॉ. शशि थरूर ने आज नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में भव्य समारोह में मध्यप्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति राज्य मंत्री श्री सुरेन्द्र पटवा को यह पुरस्कार प्रदान किया। इस अवसर पर मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम के प्रबंध संचालक श्री राघवेन्द्र सिंह विशेष रूप से उपस्थित थे। मध्यप्रदेश ने पिछले एक दशक में विश्व पर्यटन के नक्शे पर अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज करवाई है। अतुल्य भारत के हृदय प्रदेश के रूप में मध्यप्रदेश ने आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देकर देश की सांस्कृतिक एकता को और अधिक मजबूत करने का उदाहरण प्रस्तुत किया है।

आध्यात्मिक पर्यटन के माध्यम से दक्षिण एशियाई देशों में भी मध्यप्रदेश ने नई शुरूआत की है। कंबोडिया के अंकोरवारट मंदिर समूह, श्रीलंका में सीता माता मंदिर दर्शन, चीन में कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर जाने वाले तीर्थ-यात्रियों के लिये सरकार द्वारा अनुदान देने का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही पाकिस्तान में ननकाना साहब, हिंगलाज देवी मंदिर के दर्शन के लिये भी मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना में प्रावधान है।

मध्यप्रदेश को तीन विश्व-स्तरीय पर्यटन स्थल का गौरव प्राप्त है – खजुराहो, भीम बेठका और साँची। इसके अलावा प्राकृतिक हरियाली में मध्यप्रदेश का जवाब नहीं है। अमरकंटक-अचानकमार बायोस्फियर रिजर्व विश्व की 20 नई विशाल जैव विविधता वाले क्षेत्रों की सूची में शामिल है जिसे जैवमंडल संरक्षित क्षेत्रों के विश्व नेटवर्क ने तैयार किया है। हाल ही में पन्ना टाइगर रिजर्व ने वन्य-जीव संरक्षण में नया इतिहास बनाते हुए पूरे विश्व का ध्यान आकर्षित किया है। यहाँ बाघों के परिवार को बढ़ाकर उनकी संख्या शून्य से 23 की गई है। इंदौर जिले के पास उज्जैनी गाँव देश का महत्वपूर्ण धार्मिक पर्यटन-स्थल बनने जा रहा है। यह नर्मदा और क्षिप्रा का संगम-स्थल है। देश की पहली नर्मदा-क्षिप्रा नदी जोड़ परियोजना की सफलता का साक्षी है यह स्थल।

मध्यप्रदेश को सर्वोत्तम पर्यटन राज्य का पुरस्कार 17 मापदंड के आधार पर मिला है। इनमें पर्यटन के लिये उद्योग मित्र नीति बनाना, पर्यटकों की संख्या में बढ़ोत्तरी, पर्यटन-स्थलों में उपयुक्त अधोसंरचना का विकास, पर्यटन स्थलों तक पहुँचने की सुविधाएँ बढ़ाना शामिल हैं।

सतपुड़ा की रानी पचमढ़ी में सर्वोत्तम नागरिक प्रबंधन के लिये मिले पुरस्कार के सात मानदण्ड तय किये गये थे। इनमें साफ सफाई, कचरे का निष्पादन, यातायात प्रबंधन और पर्यावरण एवं हरियाली की देखभाल प्रमुख है। पर्यटन प्रोत्साहन के लिये बनी फिल्म – ‘एम.पी. मलंग है’ को अवधारणा और इसके प्रभावी संचार के मापदण्डों पर उत्कृष्ट माना गया है।

अनूठी पहल

मध्यप्रदेश ने पर्यटन प्रोत्साहन एवं पर्यटन-स्थल प्रबंधन में अनूठी पहल की है। पर्यटन के नये क्षेत्रों इको टूरिज्म, हेरिटेज टूरिज्म, आध्यात्मिक पर्यटन ने देश-विदेश में सैलानियों को आकर्षित किया है।

मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना से जहाँ एक और घरेलू पर्यटन को बढ़ावा मिला। वहीं दूसरी ओर लाखों बुजुर्गों ने अपने पसंद के धार्मिक-स्थलों की नि:शुल्क यात्राएँ की। यह सिलसिला जारी है।001

मध्यप्रदेश के ईको टूरिज्म बोर्ड ने 38 ईको पर्यटन स्थलों का विकास किया है। कृषि पर्यटन भी विस्तार ले रहा है। हाल ही में प्रदेश की गेहूँ की ई-उपार्जन व्यवस्था का अध्ययन करने पड़ोसी राज्यों से किसान, कृषि विज्ञानी, विपणन और सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़े विशेषज्ञों ने प्रदेश का भ्रमण किया। सरकार ने खेत तीर्थ योजना शुरू की है। खेती के अच्छे और नये तौर-तरीकों को जानने-समझने किसानों को आदर्श खेतों, फार्म हाउस में भ्रमण पर ले जाया जायेगा।

मध्यप्रदेश सभी प्रकार के पर्यटन की संभावनाओं का प्रदेश है। पिछले दो साल में पर्यटकों का आना तेजी से बढ़ा है। वर्ष 2013 में 5.34 करोड़ पर्यटक प्रदेश आये। वर्तमान में यह संख्या बढ़कर 6.33 करोड़ हो गई है। चण्डीगढ़, नोएडा,बैंगलुरू, जयपुर और पटना में नये पर्यटन कार्यालय खोले जा रहे हैं। इंदौर, भोपाल, सतना, जबलपुर और खजुराहो में हवाई सेवाएँ शुरू की गई हैं। पर्यटन का बजट जो 2004 में मात्र 15 करोड़ होता था वह बढ़कर 150 करोड़ से ज्यादा का हो गया है। पिछले दो साल में 28 पर्यटन संबंधी परियोजनाओं के लिये 324.62 करोड़ रुपये स्वीकृत किये गये हैं।

विशेष पर्यटन जोन

प्रदेश में 16 नये पर्यटन जोन की पहचान की गई है  इंदिरा सागर, गाँधी सागर, बाणसागर, खजुराहो, दतिया,ओरछा, साँची, मांडू, तवानगर, चित्रकूट, तामियापातालकोट, सलकनपुर, पन्ना, चोरल, महेश्वर, और अमरकंटक। प्रत्येक जोन के लिये विशिष्ट पर्यटन गतिविधि का चुनाव किया गया है। इसी प्रकार शासकीय और निजी स्वामित्व वाले किलों और महलों को भी हेरिटेज टूरिज्म के लिये चुना गया है।

पवित्र शहर

धार्मिक-सांस्कृतिक पर्यटन को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देते हुए राज्य सरकार ने उन शहरों को पवित्र शहर घोषित किया है जहाँ पवित्र धार्मिक स्थल हैं और लाखों की संख्या में लोग दर्शन करने आते हैं। इन शहरों में धार्मिक-स्थलों के आसपास माँस, मछली, अंडा, मदिरा की बिक्री पर सख्त पाबंदी है। इनके विंकास की विशेष कार्ययोजनाएँ बनाई गई हैं। अभी तक 12 शहर को पवित्र शहर घोषित किया गया है अमरकंटक, मैहर, चित्रकूट, ओरछा, उज्जैन, ओंकारेश्वर, महेश्वर,पन्ना, दतिया, मुलताई, सलकनपुर, मंडला।

मध्यप्रदेश के पर्यटन क्षेत्रो की जानकारी के लिए देखे..https://fatafatnews.com/?cat=112