चायनीज इण्डस्ट्रियल पार्क की स्थापना से मध्यप्रदेश की अर्थ-व्यवस्था होगी मजबूत..चायना के राजदूत श्री वेई वेई ने किया

भारत स्थित चायना के राजदूत श्री वेई वेई ने किया “हाट ऑफ इंडिया” का शुभारंभ

भोपाल : शनिवार, दिसम्बर 21, 2013, 17:37 IST
 

चायना के उद्योगपतियों को मध्यप्रदेश में निवेश के लिये आमंत्रित करने के मकसद से भोपाल में तीन दिवसीय ‘हाट ऑफ इंडिया’ का शुभारंभ आज यहाँ होटल कोर्टयार्ड बाय मेरियट में हुआ। इस मौके पर भारत स्थित चायना के राजदूत श्री वेई वेई विशिष्ट मेहमान के रूप में मौजूद थे। इंडिया-चायना आर्थिक एवं सांस्कृतिक परिषद् के अध्यक्ष श्री पी.एस. देवधर सहित चायना से आये विभिन्न उद्योग के 150 से अधिक प्रतिनिधियों ने भी समारोह में शिरकत की। कार्यक्रम में मुख्य सचिव श्री अंटोनी डि सा, अपर मुख्य सचिव वाणिज्य एवं उद्योग श्री पी.के. दाश तथा अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास डॉ. श्रीमती अरूणा शर्मा मौजूद थीं। मुख्य कार्यपालन अधिकारी मध्यप्रदेश राज्य आजीविका फोरम श्री एल.एम. बेलवाल तथा इंडिया-चायना आर्थिक एवं सांस्कृतिक परिषद् के पदाधिकारियों ने इस अवसर पर अतिथियों का परंपरागत स्वागत किया।

भारत स्थित चायना के राजदूत श्री वेई वेई ने ‘हाट ऑफ इंडिया’ के जरिये चायना के उद्योगों को मध्यप्रदेश में निवेश के लिये एक महत्वपूर्ण मंच उपलब्ध करवाने की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत और चायना के प्रधानमंत्रियों ने दोनों देशों की यात्राएँ की हैं और इसी वजह से भारत और चायना के आपसी राजनायिक संबंध निरंतर मजबूत हुए हैं। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती विवादों को सुलझाने तथा दोनों देशों के मध्य मैत्री और आर्थिक संबंधों में सुधार के लिये निरंतर प्रयास जारी हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के मध्य आर्थिक सहयोग बढ़ाने के लिये रचनात्मक वातावरण का विकास जरूरी है। भौगोलिक रूप से एक-दूसरे के करीब होने से दोनों देशों को आपसी विकास में सहयोग के प्रयासों को सदैव बढ़ावा देने की जरूरत है।

चायना के राजदूत ने इस मौके पर चायना और भारत के बीच व्यापार असंतुलन को दूर करने के मकसद से आर्थिक गतिविधियों के विस्तार की जरूरत बतायी। उन्होंने कहा कि चायना में भारतीय उद्योगों को व्यापार के लिये प्रोत्साहित किया जा रहा है, वहीं चायना के उद्योगपति को भी इस बात के लिये प्रेरित किया जा रहा है कि वे अधिकाधिक भारत में निवेश करें। श्री वेई वेई ने कहा कि भारत में चायनीज इण्डस्ट्रियल पार्क स्थापित कर इन प्रयासों को बढ़ावा दिया जा सकता है। यदि चायनीज मॉडल के अनुसार यहाँ इण्डस्ट्रियल पार्क बने तो चायना उद्योग भारत में निवेश के लिये प्रेरित होंगे। उन्होंने सिंगापुर में स्थापित चायना-सिंगापुर इण्डस्ट्रियल पार्क का उदाहरण देते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में भी चायनीज इण्डस्ट्रियल पार्क स्थापित होने से ग्रामीण अर्थ-व्यवस्था को मजबूत बनाने के साथ-साथ युवा वर्ग को बड़ी संख्या में रोजगार मुहैया हो सकेगा। श्री वेई वेई ने चायना से आये प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों से कहा कि वे मध्यप्रदेश में व्यापार संवर्धन की संभावनाओं को तलाशें और यहाँ उद्योगों की स्थापना के लिये आगे आयें।

मुख्य सचिव श्री अंटोनी डि सा ने कहा कि मध्यप्रदेश देश के केन्द्र में स्थित है इसी वजह से यहाँ देश के चारों ओर परिवहन के लिये साधन सुगमता से उपलब्ध हैं। देश की केन्द्रीय स्थिति की वजह से प्रदेश को लॉजिस्टिक हब के रूप में विकसित करने की भरपूर संभावनाएँ हैं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में कृषि विकास दर देश में सबसे ज्यादा है। मध्यप्रदेश परंपरागत रूप से गेहूँ और चावल का उत्पादन करने वाले राज्यों से भी अग्रणी हो गया है। यहाँ करीब 25 लाख हेक्टेयर सिंचित क्षेत्र है जिसे आगामी 5 वर्ष में बढ़ाकर 40 लाख हेक्टेयर करने का लक्ष्य है। प्रदेश में नर्मदा सहित बड़ी संख्या में बारहमासी नदियों की वजह से विभिन्न बाँधों में पर्याप्त जल भंडार मौजूद है। मध्यप्रदेश ऊर्जा के क्षेत्र में भी सरप्लस स्थिति में है। ऊर्जा के क्षेत्र में भी निवेश को बढ़ावा दिया जा रहा है। यहाँ श्रमिकों तथा अनुशासित मानव संसाधन की व्यापक उपलब्धता है। मुख्य सचिव ने कहा कि मध्यप्रदेश में चायनीज इण्डस्ट्रियल पार्क की स्थापना की व्यापक संभावना है। अन्य राज्यों की तुलना में प्रदेश की बेहतर औद्योगिक नीति को चायना के उद्योगपति अवश्य ही पसंद करेंगे। चायना की औद्योगिक प्रगति और अनुभवों से सीख लेकर मध्यप्रदेश के औद्योगिक तथा आर्थिक विकास को गति दी जा सकेगी। इससे लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के साथ-साथ युवाओं को बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर मिल सकेंगे।

समारोह की शुरूआत में अपर मुख्य सचिव डॉ. श्रीमती अरूणा शर्मा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कृषि और गैर-कृषि दोनों ही क्षेत्र में विकास पर ध्यान दिया जा रहा है। कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिये उन्नत साधन और तकनीकों को अपनाया जा रहा है। इसके अलावा गैर-कृषि क्षेत्र में ग्रामीणों को आजीविका के स्थायी साधन मुहैया करवाने की कोशिशें लगातार की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि चायना ने गैर-कृषि क्षेत्र के विकास में व्यापक सफलताएँ हासिल की हैं। चायना में स्थापित विलेज इंटरप्राइज और टाउनशिप मॉडल की विशिष्ट औद्योगिक नीति से प्रेरणा लेकर हाट ऑफ इंडिया के जरिये मध्यप्रदेश में भी इस अवधारणा को साकार करने की कोशिशें होंगी। इस आयोजन में आपसी विचार-विमर्श के जरिये प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण उत्पादन को बढ़ावा देने के साथ ही उनके लिये वृहद बाजार की संभावनाओं को तराशा जा सकेगा। इन प्रयासों से ग्रामीण स्व-सहायता समूह की महिला सदस्यों को आर्थिक रूप सशक्त और स्वावलम्बी बनाने में मदद मिलेगी।

‘हाट ऑफ इंडिया’ के शुभारंभ सत्र में अपर मुख्य सचिव वाणिज्य एवं उद्योग श्री पी.के. दाश ने भी सम्बोधित किया। उन्होंने भारत स्थित चायना के राजदूत श्री वेई वेई द्वारा मध्यप्रदेश में चायनीज इण्डस्ट्रियल पार्क के प्रस्ताव का स्वागत करते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा चायना के उद्योगपतियों को इस उद्देश्य से सभी सुविधाएँ समयबद्ध रूप से उपलब्ध करवाई जायेंगी। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में ट्राइफेक के जरिये भूमि उपलब्धता जल एवं ऊर्जा संबंधी सभी मंजूरियां सिंगल विंडो उपलब्ध करवाने की व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि दिल्ली-मुंबई इण्डस्ट्रियल कॉरीडोर के अंतर्गत इंदौर के नजदीक उद्योगों की स्थापना के लिये भूमि उपलब्ध है। प्रदेश के भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर सहित महत्वपूर्ण शहरों के नजदीक भी चायनीज इण्डस्ट्रियल पार्क स्थापित करने की पर्याप्त संभावनाएँ है। उन्होंने कहा कि राज्य की औद्योगिक नीति में अन्य राज्यों की तुलना में विशिष्ट वित्तीय सुविधा है। इनका लाभ लेकर विशेषकर टेक्सटाइल, ऑटोमोबाइल तथा ऑटोमोबाइल इन्स्ट्रूमेंट और एग्रो प्रोसेगिंग उद्योगों की स्थापना की जा सकती है।

इस मौके पर चायना स्थित गोआंगझोउ इकानॉमिक डेव्हपलमेंट झोन के पूर्व निदेशक श्री हेन के नान इकानॉमिक झोन विकास के अनुभवों पर वीडियो प्रेजेंटेशन दिया। इसके बाद अंतर्राष्ट्रीय व्यापार संवर्धन परिषद् (चायना कांउसिल फॉर प्रमोशन ऑफ इंटरनेशनल ट्रेड-सी.सी.पी.आई.टी.) चायना की उप सचिव सुश्री लिउ यान मध्यप्रदेश की व्यावसायिक गतिविधियों के संवर्धन में सहयोग पर विचार व्यक्त किये। इसी मौके पर चायना स्थित मॉडर्न एग्रीकल्चर इक्यूपमेंट इंस्टीट्यूट के निदेशक श्री लिन यांग नान एग्रो टेक्नोलॉजी के जरिये कृषि विकास में हासिल चमत्कारिक उपलब्धियों पर वीडियो प्रेजेंटेशन दिया।