अहमदाबाद के इंदौर रोड पर इस बरात को देखकर आप भी आश्चर्य में पड़ सकते है । क्योकि इस बारात में बराती अपनी धुन में नाच रहे थी। कुछ महिलाएं भी बारात से साथ पीछे चल रही थीं। सब कुछ दूसरी अन्य बारातो की ही तरह था , लेकिन घोड़ी पर दूल्हे की जगह दुल्हन सवार थी। यह बरात थी गुजराती पाटीदार समाज की। समाज की 300 वर्ष पुरानी परंपरा के मुताबिक दुल्हन ने घोड़े पर बैठकर बरात निकाली और मंडप में जाकर दूल्हे को विवाह के लिए आमंत्रित किया।
दुल्हन नुपूर पाटिल एमएससी कंप्यूटर साइंस में पोस्ट ग्रेज्युएट और प्राइवेट कॉलेज में लेक्चरर है। पिता सतीश पाटिल पीडब्ल्यूडी में इंजीनियर और माता वर्षा पाटिल गृहिणी है। समाज के प्रवीण पाटीदार ने बताया गुजरात के अहमदाबाद के पार्थ पाटिल के साथ नुपूर का विवाह हुआ। मंगलवार को इंदौर रोड से वरघोड़ा निकाला गया।
समाजजनों ने बताया यह समाज परंपरा तकरीबन 300 साल पुरानी है। मुगलकाल के बाद महिलाओं और पुरुषों के बीच अंतर को खत्म करने के लिए गुजरात में यह परंपरा शुरू की गई थी।