बर्लिन फिल्म फेस्टिवल चल रहा है, मुंबई तथा जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल हाल ही में खत्म हुए हैं और अप्रैल में दोहा फिल्म फेस्टिवल होने जा रहा है। दुनिया भर में हर महीने छोटे-बड़े दर्जनों फिल्म फेस्टिवल्स होते हैं। सालभर का आंकड़ा देखें तो इनकी तादाद सैकड़ों में है। वास्तव में फिल्म फेस्टिवल फिल्मों का मेला हुआ करते थे, जिसमें दुनियाभर के फिल्मकारों को एक स्थान पर इकट्ठा होने का मौका भी मिलता था।
साथ ही मिलती थी सराहना, जो उन्हें बेहतर काम करने के लिए प्रेरित करती थी, लेकिन वक्त के साथ ट्रेंड बदल रहा है। अब फिल्म फेस्टिवल को कला फिल्मों की कामयाबी का जरिया माना जाने लगा है। ऐसी कई फिल्में हैं, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इनाम जीतने के बाद सिनेमाघरों में जबर्दस्त कामयाबी हासिल की है।
तस्वीर: बर्लिन फिल्म फेस्टिवल की एक झलक।
64वें बर्लिन फिल्म फेस्टिवल में भारतीय फिल्म ‘हाईवे’ को प्रस्तुत किया जा रहा है। माना जाता है कि अगर किसी फेस्टिवल में फिल्म को अवॉर्ड मिल जाता है, तो उसकी दुनियाभर में चर्चा हो जाएगी। इसके बाद उसे सिनेमाघरों में रिलीज करके व्यावसायिक लाभ भी लिया जा सकता है।
इस पैकेज के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि इन दिनों फिल्म फेस्टिवल को लेकर फिल्म निर्माताओं का रुख और बाजार का ट्रेंड किस तरह बदलता जा रहा है। साथ ही हम आपको बताएंगे कि फिल्म फेस्टिवल्स में किस तरह के बदलाव आए हैं। तो आगे की स्लाइड्स पर कीजिए क्लिक और जानिए फिल्म फेस्टिवल का क्या है लेटेस्ट ट्रेंड…
दूसरी स्लाइड: कैसे फिल्मों को मिलता है मंच
तीसरी स्लाइड: अवॉर्ड के बाद कैसे हिट हो जाती हैं फिल्में
चौथी स्लाइड: किस तरह कमाई का जरिया बने फिल्म फेस्टिवल
पांचवी स्लाइड: अब तक का सबसे पुराना फिल्म फेस्टिवल
छठी स्लाइड: सबसे मशहूर फिल्म फेस्टिवल
सातवीं स्लाइड: सबसे ज्यादा अटेंडेंस वाला फिल्म फेस्टिवल
आठवीं स्लाइड: भारत के सबसे मशहूर फिल्म फेस्टिवल्स
नवीं स्लाइड: फिल्म फेस्टिवल्स के बारे में रोचक फैक्ट्स