ग्वालियर- युवा किसान ने कमाल किया है। पिछोर के युवा किसान ने जैविक खेती कर साढे़ तीन फीट की मूली उगाई हैं। छह किलो की वजनी मूली देखने दूर दूर से लोग आ रहे हैं।जैविक खेती को लेकर देश और प्रदेश की सरकारें काफी प्रोत्साहित कर रही है। ग्वालियर जिले के एक युवा किसान ने जैविक खेती के जरिये बड़ा कमाल कर दिखाया है। पिछोर कस्बे के युवा किसान ने जैविक खेती के जरिए साढे़ 3 फीट की मूली उगाई हैं। छह किलो वजन की इस मूली को देखने के लिए दूर दूर से लोग आ रहे हैं।
दरअसल, ग्वालियर जिले के पिछोर कस्बे में रहने वाले देवेंद्र कुशवाह ने यह कमाल कर दिखाया है। देवेंद्र का खेत छोटा सा है लेकिन उसने खेती में कमाल कर दिया है। देवेंद्र अपने खेत में परिवार के गुजारे लायक सब्जियां उगाते हैं। खास बात यह है कि शासन के जैविक खेती के प्रोत्साहन से प्रेरित होकर देवेंद्र अपने खेत मे रासायनिक खाद का इस्तेमाल नही करते है। गाय के गोबर को खाद के तौर पर उपयोग करते हैं। स्वच्छ पानी से खेत मे सिंचाई करते है।
यही वजह है कि उनकी मेहनत रंग लाई और उन्होंने जैविक खेती के जरिए नायाब और बेहद खास मूली उगाई है, इस मूली की लंबाई 3 फीट 4 इंच है। इस मूली का कुल वजन छह किलो से ज्यादा है। इसके साथ ही खेत में तीन-तीन फीट की तीन मुलियां और उग रही हैं। अगर पत्तों के साथ मूली का नाप करे तो, इसकी कुल लंबाई साढ़े चार फीट है। देवेंद्र के खेत मे ज्यादातर मूलियां दो से ढाई फीट लंबी है। देवेंद्र ने मूली को उगाने के लिए कड़ी मशक्कत की है।
देवेंद्र अपने खेत मे खुद ही बुआई करते है, खेत की निंदाई, गुड़ाई खुद करते हैं, खेती के लिए मिट्टी उपजाऊ रहे इसके लिए रासायनिक खाद का बिल्कुल उपयोग नही करते हैं। देवेंद्र ने बताया कि उसने आलू की तरह पिट तैयार कर मूली लगाई थी। अमूमन डेढ़ महीने में मूली खाने के लायक पक जाती है। लेकिन देवेंद्र ने अपने खेत मे लगभग 70 दिन तक मूली को विकसित किया है। जिसके चलते इसकी लंबाई साढ़े तीन फीट हो गई है और वजन भी छह किलो से ज्यादा हो गया है।