फ़टाफ़ट डेस्क: एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 8 करोड़ से ज्यादा लोग डायबिटीज के शिकार है। ऐसे में डायबिटीज कैपिटल भी भारत को कहा जाने लगा है। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि डायबिटीज मरीजों के लिए मोटा अनाज रामबाण से कम नही। मोटे अनाज का ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत कम होता है, इसलिए मोटे अनाज का सेवन डायबिटीज के मरीजों को जरूर करना चाहिए। आयरन से भरपूर मिलेट का सेवन करने से एनीमिया का उपचार होता है।
रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया हैं कि भारत में 2045 तक 13.5 करोड़ लोग डायबेटिक होंगे। डायबिटीज एक बेहद खतरनाक बीमारी है और इसे कंट्रोल में ना रखा जाए तो आपको कई अन्य बीमारियों के होने का खतरा बढ़ जाता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के आंकड़ों के मुताबिक, दुनियाभर में 42.2 करोड़ से ज्यादा लोगों को हाई ब्लड शुगर है। वहीं, करीब 15 लाख लोगों की मौत हर साल प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से डायबिटीज के कारण होती है। हम जानते हैं कि गलत खान-पान और गतिहीन दिनचर्या डायबिटीज की समस्या को जन्म देती है। इसलिए समय रहते अगर हम अपनी लाइफस्टाइल और हेल्दी खान-पान को अपने जीवन में अपना लें तो हमेशा के लिए डायबिटीज से मुक्त रहेंगे। अगर ब्लड शुगर है भी तो डाइट में मोटे अनाज को शामिल कर लें तो ये अनाज बढ़े हुए ब्लड शुगर को गलाकर बाहर निकाल देते हैं।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मोटे अनाज का आउटर लेयर चोकर होता है। इसके बाद इसके अंदर जर्म यानी रोगाणु होता है जो किसी भी बाहरी परजीवी से सुरक्षा के लिए बनी है। वहीं चोकर में बहुत ज्यादा फाइबर होता है। यह आसानी से नहीं पचता। मोटे अनाज का ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत कम होता है। यही कारण है कि मोटे अनाज का सेवन करने से ब्लड शुगर नहीं बढ़ता, साथ ही वजन पर भी नियंत्रण रखता है। एक अध्ययन में जब कुछ लोगों को मोटे अनाज का सेवन करने के लिए कहा गया तो कुछ ही दिनों बाद उसमें इंसुलिन का लेवल बढ़ गया। इतना ही नहीं मोटे अनाज के सेवन से कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स भी घटने लगा।
बाजरा, ज्वार, रागी से घटता हैं ब्लड शुगर
बाजरा – इसमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत कम होता है, इसलिए यह डायबिटीज के मरीजों के लिए रामबाण है। ज्वार-ज्वार में प्रचूर मात्रा में फाइबर के साथ विटामिन के1 होता है जो ब्लड क्लॉटिंग और हड्डियों की मजबूती में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।