आप चाहे कितनी ही अच्छी ड्रेस पहनें या आला दर्जे का मेकअप कर लें, लेकिन आपकी व्यवहार कुशलता आपको जो रिमार्क दिलाएगी वह इन बाहरी सजावटों से भी नहीं मिलता है। रोजमर्रा में एटिकेट और बिहेवियर से जुड़ी ऐसी कई बातें होती हैं, जिन्हें सलीके से हैंडल कर लिया जाए तो आप हजारों में से एक हो जाते हैं।
मेरे सास-ससुर की कुछ आदतें और बातें ऐसी हैं जो मुझे सही नहीं लगतीं। उनकी ये बातें मेरे जीवन मूल्यों के खिलाफ हैं। ऐसे में मुझे क्या करना चाहिए, क्योंकि उनके सम्मान में मैं उन्हें कुछ कह भी नहीं सकती।
आपकी इस समस्या का हल दो तरह से निकल सकता है। पहला यह कि आपके पति आपके और अपने माता-पिता के बीच सेतु का काम करें। वे उन्हें बताएं कि उनकी सोच और पत्नी की सोच में अंतर है। आप जिस चीज में विश्वास करते हैं, वह पत्नी के हिसाब से सही नहीं है। यदि आप खुश किस्मत हुईं तो आपके पति की बातों से ही समस्या हल हो जाएगी। दूसरा हल यह है कि आप अपने सास-ससुर के साथ बैठें और उन्हें बहुत ही नर्माई तथा प्यार से समझाएं कि हमारी सोच के बीच एक अंतर होने के बावजूद आप सब अपनाने को तैयार हैं, सिर्फ कुछ बिंदु हैं जहां आप हस्तक्षेप नहीं करें। जियो और जीने दो की कहावत को चरितार्थ करें।