वीडियो : ये ज़िदंगी का नाम है.. अम्बिकापुर के बॉलीवुड में कदम जमा चुके दो संगीतकारों का बनाया यह वीडियो सॉन्ग इंटरनेट पर हो रहा ट्रेंड..

अम्बिकापुर. छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर से दो निकले दो संगीतकार सौरभ वैभव जिन्होंने बॉलीवुड में भी अपने अपने पैर जमा लिए हैं. इन दोनों की जोड़ी ने कोरोना वायरस संक्रमण के इस मुश्किल हालात में इस महामारी से लड़ रहे लोगों को डेडिकेट करते हुए एक गीत लिखा है इसमें इन्होंने श्रमिकों कोरोना योद्धाओं के हालात दर्शाए हैं. आपको बता दें कि सौरभ गुप्ता और वैभव सिंह सेंगर की जोड़ी ने बॉलीवुड में कई संगीत निर्देशन किया हुआ है उन्हें बीते साल रिलीज हुई फिल्म सोनू के टीटू की स्वीटी में संगीत निर्देशन के लिए अवार्ड भी मिल चुका है साथ ही इस जोड़ी को कई शार्ट फिल्म और बैकग्राउंड म्यूजिक के लिए भी अवार्ड से नवाजा गया है इन दोनों ने इस लोक डाउन में लोगों के हालातों पर जो गीत लिखा है उसे खुद गाया भी है कोरोना वायरस पर लिखा है कि इस वक्त सोशल मीडिया पर लोगों की पसंद बना हुआ है सौरभ और वैभव के शानदार गीत के मकसद से प्रभावित होकर देश के नामचीन पत्रकार रवीश कुमार ने इस गाने को अपने फेसबुक वॉल पर पोस्ट भी किया है. रवीश ने लिखा

ये ज़िंदगी के नाम –

इस वक्त जब सब थकने लगे हैं तभी सब का हौसला बढ़ाना है.. कोविड -19 लड़ाई जीती नहीं.. गई है जीती जानी है.. मुझे वह पुलिसवाला याद आ रहा है जिसने एक मजदूर के पांव में जूते पहनाए थे. मुझे वह पुलिसवाला याद नहीं आता जिसने एक मजदूर के पेट में लात मारी थी मेरी उम्मीद हाथ थामने वाले उस पुलिस वाले से है. एक मित्र ने कहा कि नोएडा से दिल्ली आने वाले लोग पुलिस के लिए कोलड्रिंक और चॉकलेट ले कर आते हैं. आधी पंक्ति सुनते ही आंखे छलक गई. मुंबई में कोविड-19 से 14 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई सैकड़ों संक्रमित है, फिर भी ड्यूटी कर रहे हैं हमारे बैंक, रेल के कर्मचारी, हमारे तहसीलदार हमारे एसडीएम, हमारे डीएम जिन की कमियों के काम हम खींचते हैं. पर जानते हैं उन्हीं में कोई ईमानदारी से काम किए जा रहा है. उन्हें सलाम भेजते हैं हमारे डॉक्टर, नर्स, टेक्नीशियन और स्वास्थ्य कर्मी सब जूझ रहे हैं इनमें से कोई असली योद्धा भी है. कोई लापरवाह भी है. हम याद करेंगे योद्धा को उस ईमानदार डॉक्टर और नर्स को जिन्होंने अपनी जिंदगी दांव पर लगाई लोगों की जान बचाई, बहुत से पत्रकार संक्रमित हुए. आगरा में पंकज कुलश्रेष्ठ की की मौत हो गई हम उन सभी को याद करेंगे सबका हौसला बढ़ाएंगे.
यह जिंदगी का नाम है.. सर झुकाने का नाम है..
निडर और निस्वार्थ
जो खड़े रहे देश के साथ
यह गीत उनके नाम है
जिंदगी के नाम है…

सौरभ और वैभव का यह गीत इस वक्त यूट्यूब और फेसबुक पर काफी छाया हुआ है इस गीत के शुरुआती बोल हैं माना गम की काली रात है माना बड़ा कोहराम है. इस गीत पर सौरभ और वैभव ने काफी मेहनत भी. सौरभ और वैभव ने फटाफट न्यूज़ के साथ बातचीत भी की है और उन्होंने बताया कि कितनी मेहनत के साथ उन्होंने इस गीत को बनाया है. इस गीत की झलकियां वीडियो में दिखाई गई हैं. साथी सौरभ का इस वीडियो को लेकर क्या कहना है वह भी हमने इस वीडियो क्लिप में दिखाया हुआ है.

देखिए वीडियो…