Video: रेलवे क्रॉसिंग पर ट्रेन से टकराने से बची कार, वायरल हुआ दिल दहला देने वाला वीडियो, देखकर थर्रा जाएंगे आप!

नई दिल्ली. सोशल मीडिया पर कई ऐसे वीडियो वायरल होते हैं, जिन्हें देखकर हैरानी होती है। इनमें से कुछ वीडियो मजेदार होते हैं, तो कुछ वीडियो डराने वाले। ऐसा ही एक दिल दहला देना वाला वीडियो एक्स (ट्विटर) पर शेयर किया गया है। इस दिल दहला देने वाली फुटेज में साफ देखा जा सकता है कि कैसे रेलवे क्रॉसिंग पार करने के चक्कर में कैसे एक कार फंस गई और वो ट्रेन से टकराते-टकराते बच गई। वीडियो में दिख रही गाड़ी के नंबर से पता चलता है कि यह उत्तर प्रदेश के नोएडा में रजिस्टर्ड संख्या वाली एक कार है, जो चलती ट्रेन और रेलवे क्रॉसिंग गेट के बीच एक बहुत ही सीमित स्थान पर सीधी खड़ी दिखाई दे रही है।

वीडियो देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि कार रेलवे क्रॉसिंग पार कर रही थी, तभी फाटक बंद हो गया। ऐसे में कार वहीं अटक गई। आस-पास लोग भी खड़े दिखाई दे रहे हैं। चालक ने रेलवे ट्रैक की दिशा में बिल्कुल किनारे कार को खड़ा कर दिया है, जिससे आनंद विहार से मोतिहारी जाने वाली चंपारण सत्याग्रह एक्सप्रेस बगल से आसानी से गुजर गई। इससे कार को जरा सा भी नुकसान नहीं हुआ। हालांकि, इस तरह के मामलों में दुर्घटना की संभावना ज्यादा रहती है। लोगों ने इस वीडियो पर ढेर सारे कमेंट्स किए हैं।

देखिए वीडियो –

एक्स पर तारक राम किरण नाम के यूजर ने लिखा है कि कार ड्राइवर निहायत ही बेवकूफ किस्म का है। वहीं सौरभ नाम के यूजर ने अपने कमेंट में लिखा है कि इसे ही हम करीबी बचाव कहते हैं। हालांकि, मैं चाहता था कि कार का एक हिस्सा ट्रेन के चपेट में आ जाए, ताकि बेवकूफ कार मालिक को सबक मिल सके। अब तक इस वीडियो को एक्स (पहले ट्विटर) पर 1 लाख 25 हजार से ज्यादा बार देखा जा चुका है. वाल्टर रेड नाम के X यूजर ने कमेंट में लिखा है, ‘यूपी 16, जैसा उम्मीद था। अगर आप UP 16 रजिस्ट्रेशन वाली गाड़ियों को देखें तो बेहतर है, इसके रास्ते काफी दूर हट जाएं।’

इंटरनेट यूजर्स ने वीडियो पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पुलिस से कार मालिक के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की। हालांकि, फटाफट न्यूज इस वीडियो के सच्चाई की पुष्टि नहीं करता है। अपनी प्रतिक्रिया में एक यूजर ने लिखा है कि कई लोगों की जान जोखिम में डालने के लिए यूपी पुलिस को इस कार मालिक के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। वहीं, एक अन्य यूजर के मुताबिक, ‘आरपीएफ (RPF) और स्थानीय पुलिस को शिकायतें दर्ज करनी चाहिए और कार्रवाई की जानी चाहिए।’