नई दिल्ली/न्यूयॉर्क. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने भारत समेत दक्षिण एशियाई देशों के लिए अलर्ट जारी करते हुए कहा है.. कि यहां रहने वाली बड़ी आबादी कोरोना वायरस का शिकार हो सकती है. दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने भी मंगलवार को एक आकलन के आधार पर बताया कि जुलाई अंत तक दिल्ली में 05 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो सकते हैं. बता दें कि एक भारतीय मूल की वैज्ञानिक भ्रमर मुखर्जी ने 23 मई को दावा किया था.. कि जुलाई के पहले हफ्ते तक देश में 21 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो सकते हैं और केस हर 13 दिन में डबल हो जाएंगे.
भारत सबसे ज्यादा कोरोना वायरस के मामलों के साथ दुनिया में छठे और एशिया में पहले नंबर पर है. यूनिवर्सिटी ऑफ़ मिशिगन (University of Michigan) और जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी (Johns Hopkins University) ने कोरोना मॉडल के जरिए चेतावनी दी है कि भारत में जुलाई के पहले हफ्ते तक 21 लाख लोग संक्रमण के शिकार हो सकते हैं. यूनिवर्सिटी ऑफ़ मिशिगन में बॉयोस्टैटिस्टिक्स और महामारी रोग विशेषज्ञ प्रोफ़ेसर भ्रमर मुखर्जी ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि उन्होंने भारत के लिए तैयार किए गए एक मॉडल के जरिए पहले ही चेतावनी जारी की थी कि भारत में स्थिति और काफी गंभीर हो सकती है. इससे पहले प्रोफ़ेसर मुखर्जी की टीम ने ही अप्रैल में सबसे पहले बताया था कि मध्य मई तक भारत में संक्रमितों की संख्या 1 लाख से ज्यादा हो जाएगी.
We started the work on COVID-19 in India on March 16. Our first paper is now accepted and available in the special issue of the Harvard Data Science Review on COVID-19. It has been a transformative experience for many of us. I am so proud of this team! https://t.co/bv0zQy0w6w
— Bhramar Mukherjee (@BhramarBioStat) May 22, 2020
महाराष्ट्र-दिल्ली में 12-13 दिन में डबल हो रहे केस
प्रोफ़ेसर भ्रमर मुखर्जी का कहना है कि भारत में संक्रमण के मामलों का बढ़ना अभी कम नहीं हुआ है, सरकारी आंकड़ों के मुताबिक ही भारत में कोरोना वायरस से संक्रमण के मामले हर 13 दिन में डबल हो रहे हैं. ऐसे में सरकार का लॉकडाउन से जुड़ी पाबंदियों में ढील देना मुश्किलें बढ़ा सकता है. मंगलवार को दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने बताया कि दिल्ली सरकार का अनुमान है कि राज्य में 12 से 13 दिन में कोरोना के केस डबल हो रहे हैं, ऐसे में भ्रमर मुखर्जी का आकलन सच साबित होता नज़र आ रहा है. 15 जून तक राष्ट्रीय राजधानी में 44000 मामले होने की आशंका है, ऐसे में दिल्ली के अस्पतालों में मरीजों के लिए इलाज के लिए 6000 बेड की जरूरत होगी.
इस अनुमान के मुताबिक 30 जून तक दिल्ली में 1 लाख कोरोना केस हो जाएंगे, तब 15 हजार बेड की जरूरत पड़ेगी. सिसोदिया ने बताया कि 15 जुलाई तक सवा 2 लाख से ज्यादा केस के लिए 33 हजार बेड की जरूरत दिल्ली में पड़ेगी. वहीं 31 जुलाई तक साढ़े 5 लाख केस होंगे जिसके लिए 80 हजार बेड की जरूरत पड़ेगी.
उधर महाराष्ट्र ने कोरोना संक्रमण के केसों के मामले में चीन को भी पीछे छोड़ दिया है. यहां तो कोरोना के केस 10 दिन में ही दोगुने हो जा रहे हैं. महाराष्ट्र में अभी तक 88,000 से ज्यादा कोरोना के केस सामने आ चुके हैं जबकि 3100 से ज्यादा लोगों की इससे मौत हो गयी है. वहीं दिल्ली में करीब 30,000 केस सामने आए हैं और 874 लोगों की संक्रमण से मौत हुई है.
भारत की स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर चिंतित
जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी और मुखर्जी की टीम ने भारत में मौजूद स्वास्थ्य सेवाओं और अस्पतालों में बेड और वेंटिलेटर्स की कमी पर भी चिंता जाहिर की है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक़ भारत में इस समय तकरीबन 714,000 हॉस्पिटल बेड्स हैं जबकि साल 2009 में ये संख्या लगभग 540,000 थी. संक्रमण के मामलों की संख्या के लिहाज से फिलहाल टॉप-10 की लिस्ट में सबसे ऊपर अमेरिका है, फिर ब्राज़ील, रूस, ब्रिटेन, स्पेन, इटली, फ्रांस, जर्मनी और तुर्की के नाम हैं.