चंडीगढ़। पार्टी ज्वॉइन करने के समय खुद को ‘जन्मजात कांग्रेसी’ बताने वाले नवजोत सिंह सिद्धू ने मंगलवार को अचानक पंजाब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर हाईकमान को संकट में डाल दिया है। हालांकि, पार्टी आलाकमान ने अब तक सिद्धू का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है और खुद ‘वेट एंड वॉच’ की पॉलिसी अपना रही है। कांग्रेस हाईकमान ने फिलहाल इस मुद्दे को सुलझाने की जिम्मेदारी पंजाब इकाई को ही सौप दी है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से सिद्धू के इस्तीफे ने पंजाब में पार्टी के संकट को और बढ़ा दिया है। मामले के जानकार एक नेता ने बताया कि कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व फिलहाल इस स्थिति को लेकर ‘वेट एंड वॉच’ मोड में है। नेता ने कहा, ‘हम फिलहाल वेट एंड वॉच की स्थिति में हैं क्योंकि नवजोत सिंह सिद्धू एक भावुक व्यक्ति हैं। उनके इस्तीफे को पार्टी अध्यक्ष ने अभी तक स्वीकार नहीं किया है और हमने पंजाब लीडरशीप से इस मसले को सुलझाने के लिए कहा है।’
सिद्धू ने सोनिया गांधी को भेजे अपने इस्तीफे में लिखा है, ‘नवजोत सिंह सिद्धू ने सोनिया गांधी को भेजी अपनी चिट्ठी में कहा है कि किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व में गिरावट समझौते से शुरू होती है, मैं पंजाब के भविष्य को लेकर समझौता नहीं कर सकता हूं। इसलिए मैं पंजाब प्रदेश अध्यक्ष पद से तुरंत इस्तीफा देता हूं।’
बता दें कि सिद्धू को इसी साल 23 जुलाई को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया था। सिद्धू के इस्तीफे के बाद उनके समर्थन में चन्नी सरकार के मंत्री सहित कई बड़े नेताओं के इस्तीफों की झड़ी लग गई। सिद्धू के करीबी माने जाने वाली एक मंत्री के साथ ही अन्य तीन कांग्रेसी नेताओं ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया।
इस बीच पंजाब के मंत्री परगट सिंह और अमरिंदर सिंह राजा वारिंग मंगलवार को सिद्धू से मिलने उनके घर भी पहुंचे। इस मुलाकात के बाद वारिंग ने कहा, ‘कुछ छोटे मसले हैं जो गलतफहमियों की वजह से पनपे हैं। इन्हें कल तक सुलझा लिया जाएगा।’
बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब के मुख्यमंत्री बनना चाहते थे लेकिन पार्टी ने उन्हें प्रदेश अध्यक्ष की कमान देकर चरणजीत सिंह चन्नी को सीएम बनाया। माना जा रहा है कि सिद्धू अपनी अनदेखी के कारण नाराज हैं और इसलिए इस्तीफा भी दिया है।